आगरा। नारकोटिक्स की दवाओं (नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली) का अवैध कारोबार ट्रांसपोर्ट कंपनियों के सहारे चल रहा है। औषधि विभाग की टीम ने आधा दर्जन कंपनियां चिन्हित की हैं। इन पर छापे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि फव्वारा थोक दवा बाजार से दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब में नारकोटिक्स की दवाओं का अवैध कारोबार किया जा रहा है। यहां से बड़ी मात्रा में खांसी के सीरप और नींद की टेबलेट सप्लाई की जा रही है। औषधि निरीक्षक ब्रजेश यादव ने बताया कि पिछले दिनों गोदामों से बड़ी मात्रा में फेंसेड्रिल टी सीरप पकड़ा गया था। इससे पहले भी नारकोटिक्स की दवाएं पकड़ी जा चुकी हैं। ये दवाएं बिना बिल के ट्रांसपोर्ट कंपनी के माध्यम से मंगाई जा रही हैं। इन्हें दवा कारोबारी गोदाम तक नहीं लेकर आते हैं। ट्रांसपोर्ट कंपनी से ही दूसरी जगह सप्लाई कर दिया जाता है। इसका रिकॉर्ड भी नहीं रखते हैं वहीं, दवा कारोबारियों ने फव्वारा के आसपास मकान किराए पर ले रखे हैं। ट्रांसपोर्ट कंपनी से नारकोटिक्स की दवाएं मंगाने के बाद गोदाम की जगह किराए के मकान में रख देते हैं। यहीं से अन्य राज्यों में दवाओं की सप्लाई की जाती है। दवा कारोबारियों के साथ ट्रांसपोर्ट कंपनी पर भी छापे मारे जाएंगे। बिल ना दिखाने पर दवाएं जब्त कर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। औषधि विभाग की टीम ने फव्वारा दवा बाजार में निरीक्षण किया। औषधि निरीक्षक ब्रजेश यादव ने बताया कि भगवती फार्मा के संचालक अजय अग्रवाल दवाओं के बिल नहीं दिखा सके। यहां 30 हजार की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। बिल ना दिखाने पर नियोफाइन टेबलेट के सैंपल लिए गए हैं, इन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। साथ ही एक वर्ष में नारकोटिक्स की दवाओं की खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड मांगा गया है।