सोनीपत। कफ सिरप की तस्करी का मामला पकड़ में आया है। हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर गांव बढ़मलिक के पास नशे में इस्तेमाल होने वाली 76.80 लाख रुपये की प्रतिबंधित कफ सिरप की खेप पकड़ी है। पुलिस ने इस मामले में मूलरूप से झज्जर के गांव गोच्छी निवासी जितेंद्र व बेरी निवासी सुधीर को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी फिलहाल रोहतक की जनता कॉलोनी में रहते हैं। पता चला कि यह दवाएं त्रिपुरा भेजी जा रही थीं।
यह है मामला
एचएसएनसीबी रोहतक की टीम के जयबीर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि प्रतिबंधित कफ सिरप से भरा कंटेनर लावारिस हालत में केएमपी पर खड़ा है। कंटेनर सुधीर और जितेंद्र का है। टीम ने मौके पर पहुंचकर कंटेनर कब्जे में ले लिया।
कंटेनर में तलाशी ली गई और प्लास्टिक के 200 बोरे बरामद हुए। 384 गत्ता पेटियां मिलीं। इनमें 38400 कोडीन फास्फेट कफ सिरप पाया गया। इनका इस्तेमाल नशे के लिए होता है। प्रत्येक गत्ता पेटी में 100 शीशी मिली। ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी मुंशी राम ने बताया कि बरामद दवा की सभी शीशी प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की श्रेणी में आती हैं। राई थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पूछताछ में प्रतिबंधित दवाओं को दिल्ली के अलीपुर से त्रिपुरा ले जाया जा रहा था। अलीपुर में आरोपियों ने गोदाम बना रखा है। इसकी जानकारी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लग सकेगी।
इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह में छह से सात सदस्य हैं। सभी के अलग-अलग काम हैं। एक गाड़ी की व्यवस्था करता है। दो अन्य प्रतिबंधित दवा लेकर आने के बाद दिल्ली के अलीपुर में स्टॉक करते हैं। एक सदस्य वाहन का इंतजाम कर उसे त्रिपुरा में सप्लाई करता है। वह जिस रूट से गाड़ी लेकर जाते हैं, इसकी जानकारी अन्य सदस्यों तक को नहीं देते। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हैं।