नई दिल्ली। एसीडिटी दूर करने की दवा का ज्यादा इस्तेमाल किडनी पर बुरा असर डालता है। डॉक्टर एसिडिटी से बचने के लिए मरीज को दवाएं लिखते हैं। सीने में जलन के लिए भी दवाएं लिखते हैं। बता दें कि कई दवाओं के साइड इफेक्ट से एसिडिटी होती है। इन दवाओं को लंबे समय तक खाने से किडनी खराब हो सकती है। समस्या तो ये है कि लोग बिना डॉक्टर की सलाह के भी ये दवाएं लेते हैं। इन दवाओं में पैन, पैन-डी पैंटोसिड, पैंटोसिड डीएसआर, पैंटॉप, पैंटॉप डी, पैंटोडैक, राजो, राजो डी, ओमेज, ओमेज डी के नाम आम हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना एसिडिटी की दवा नहीं लेनी चाहिए। डॉक्टर एसिडिटी की दवा लिखे तो उनसे पूछें कि क्या दवा लेना जरूरी है? यह दवा कितने दिनों तक लेनी होगी। लंबे समय तक एसिडिटी की दवा ना लें। पेट में सामान्य गैस बनने पर दवा ना लें। बाहर खाने के बाद ये दवा ना लें। डॉक्टरों का कहना है कि एसिडिटी की दवा से खून पर असर पड़ता है। खून में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। इससे किडनी पर गलत असर पड़ सकता है। एसिडिटी होने पर बेचैनी होने लगती है। ऐसे में एसिडिटी की दवा लेना जरूरी हो जाता है लेकिन इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। एसिडिटी से बचने के लिए स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं। ज्यादा मसालेदार खाना ना खाएं। गैस बनाने वाला खाना ना खाएं। कैफीन वाले ड्रिंक्स ना पिएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।