जोधपुर (राजस्थान)। कैंसर दवा घोटाले में नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि जालोरी गेट के अंदर दवा दुकानदार ने 77 लाख रुपये से अधिक की दवाइयांं बिना खरीदे कागजों में ही बेच डाली थी। यही नहीं, आरोपी ने उन बैच की दवाइयां बेचना दर्शाया जो फार्मा कम्पनी ने दुकानदार को सप्लाई तक नहीं की थी।

बिलों के सत्यापन में लाखों का घोटाला सामने आया

बता दें कि आरजीएचएस के संयुक्त निदेशक ने एफआइआर दर्ज होने के बाद 66 संदिग्ध दवाइयों की सूची सौंपी थी। आरोपी फार्मासिस्ट जुगल झंवर ने इन दवाओं के संबंध में वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022,-23 व 2023-24 में खरीद के बिल पेश किए थे। बिलों के सत्यापन में लाखों का घोटाला सामने आया था।

दवा दुकान व 44 कार्ड धारकों पर दर्ज हुई थी एफआइआर

बता दें कि आरजीएचएस के संयुक्त परियोजना निदेशक अभिषेक सिंह किलक ने जालोरी गेट के भीतर झंवर मेडिकल एजेंसी के संचालक, मध्यस्थ उमेश परिहार और 44 कार्ड धारक व लाभार्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज कराया था। दुकानदार जुगल झंवर सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपी जेल में बंद हंै। फिलहाल एसओजी मामले की जांच कर रही है।

8,86,706 रुपये कीमत की दवाइयां खरीदना बताया था

आरोपी फार्मासिस्ट ने मुम्बई की एक फर्म से 8,86,706 रुपये कीमत की दवाइयां खरीदना बताया था। इनको 18,81,150 रुपए में कागजों में बेच दी। कम्पनी ने लिखित में पत्र भेजकर फार्मासिस्ट को दवाइयां बेचने से इनकार किया। फार्मासिस्ट ने जयपुर की फार्मा कम्पनी से 10,39,810 रुपए की दवाइयां खरीदी थी। कागजों में 20,79,620 रुपए की दवाइयां खरीदी।

आरजीएचएस के बिलों से 15,85,783 रुपए की दवाइयां बेच दी। फार्मासिस्ट ने मुम्बई की फार्मा कम्पनी से जितनी दवाइयां खरीदी उससे कहीं गुणा अधिक स्टॉक में खरीदना दिखाया था। आरोपी फार्मास्टि ने बगैर खरीद किए 28.35 लाख रुपए की दवाइयों का फर्जी बेचान कर दिया था।

एक अन्य दवाई जयपुर की फार्मा कम्पनी से खरीदी थी, लेकिन स्टॉक में कई गुणा अधिक दवाइयां दर्शाई गई। इसमें उस बैच की दवाई भी 2.24 लाख रुपए में बेचना दिखाया जो दुकानदार को सप्लाई तक नहीं की गई थी।