नयी दिल्ली : डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने कोविड रोधी टीके स्पूतनिक लाइट का बूस्टर खुराक के रूप ट्रायल के लिए डीसीजीआई से मंजूरी मांगी है. आज एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें ट्रायल की मंजूरी पर निर्णय लिया जाएगा.

डॉ रेड्डी लैब ने उसके प्रभाव और सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए इसके फेज-तीन क्लिनिकल ट्रायल के वास्ते भारत की औषधि नियंत्रक संस्था से मंजूरी मांगी है.

स्पूतनिक लाइट को अभी भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है.

डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज में नियामक मामलों की निदेशक पी माधवी ने हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड, तेलंगाना में निर्मित टीकों के बैच तथा कर्नाटक में शिल्पा बायोलॉजिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के अपने केंद्र को फेज-तीन ट्रायल के लिए इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है.

माधवी ने आवेदन में कहा, कोविड रोधी टीका लगवाने के बाद समय के साथ वायरस से सुरक्षा में कमी आ सकती है और यह वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रति कम प्रभावी हो सकता है.

सूत्र के अनुसार, माधवी ने आवेदन में कहा है कि भारतीय नागरिकों के लिए कोविड रोधी स्पूतनिक लाइट टीके को बूस्टर खुराक के रूप में उसकी सुरक्षा और प्रभाव के अध्ययन के वास्ते फेज-तीन ट्रायल की मंजूरी मांगी गई है.

हाल में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी डीसीजीआई से कोवीशील्ड को बूस्टर खुराक के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी.