पानीपत। क्लीनिक पर छापेमारी कर सर्जरी का सामान व 25 दवाएं जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की पीएनडीटी टीम व जिला ड्रग कंट्रोलर की टीम ने की। मामला भावना चौक स्थित प्रीत क्लीनिक में जच्चा-बच्चा की मौत का है।

टीम ने इससे पहले भी दबिश दी थी, लेकिन क्लीनिक संचालिका मौके से फरार हो गई थीं। अब टीम ने क्लीनिक की संचालिका परमजीत कौर से उसकी योग्यता के कागज जांचे। उनकी डिग्री को पीएनडीटी टीम ने जब्त कर लिया। उनके पास डिलीवरी करने और इलाज करने की अनुमति नहीं मिली। इसके चलते क्लीनिक से सर्जरी का सामान भी जब्त कर लिया गया।

यह है मामला

तहसील कैंप के विष्णु नगर निवासी जितेंद्र सिंह ने प्रीत क्लीनिक की संचालिका परमजीत कौर के खिलाफ सिविल सर्जन को शिकायत दी थी और बताया था कि उसकी पत्नी जसविंद्र कौर (38) छह माह की गर्भवती थी। जसविंद्र को चार अप्रैल को अचानक पेट में दर्द हो गया था और रक्त रिसाव शुरू हो गया था। वह जसविंद्र को भावना चौक स्थित प्रीत नर्सिंग होम में लेकर गया था।

यहां डॉक्टर ने काफी देर तक उसका इलाज शुरू नहीं किया। जसविंद्र का रक्तचाप गिर गया था। वह डॉक्टर से सर्जरी से डिलीवरी करने की कहते रहे। उसके पहले दो बच्चे भी सर्जरी से हुए थे। चिकित्सक सामान्य डिलीवरी की बात कहती रही। शाम सात बजे उनसे रक्त मंगाया गया। उन्होंने निजी ब्लड बैंक से रक्त की यूनिट लाकर डॉक्टर को दे दी थी। उनको जसविंद्र कौर से मिलने भी नहीं दिया था।

डॉक्टर ने सर्जरी से डिलीवरी की थी। कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि अस्पताल में संसाधनों की कमी है। वह जसविंद्र को निजी अस्पताल में ले जाए। तब तक उसकी व नवजात बच्ची की मौत हो चुकी थी। आरोह है कि जसविंद्र की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई थी। डॉक्टर ने देरी से इलाज शुरू किया था।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में प्रीत क्लीनिक पर 25 प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां मिली। संचालक परमजीत कौर के पास दवाएं देने की अनुमति नहीं थी। यहां से दवाओं को भी जब्त किया गया। कार्रवाई के दौरान वह नियमों के खिलाफ महिलाओं का इलाज करते हुए मिली हैं। अब उन पर पीएनडीटी एक्ट के तहत और बिना अनुमति दवाएं बेचने के जुर्म में भी कार्रवाई की जाएगी।

पीएनडीटी टीम के इंचार्ज डॉ. अभय वत्स ने बताया कि वह मेडिकल ऑफिसर एकता बठला व ड्रग कंट्रोलर विजय राजे के साथ प्रीत क्लीनिक पर कार्रवाई के लिए गए थे। शिकायत पर वह मामले की जांच कर रहे हैं।