पीलीभीत (उ.प्र.)। सूबे की योगी सरकार ने ‘गोमूत्र’ को दवाइयों के निर्माण में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। पीलीभीत की सरकारी आयुर्वेदिक फार्मेसी के इंचार्ज डॉ. नरेश चंद्र गंगवार का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पर हम इस महीने से गोमूत्र का इस्तेमाल दवाइयों में भी करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोमूत्र आयुर्वेदिक चिकित्सा का ही एक हिस्सा है और रिसर्च में यह हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद साबित हो चुका है। आने वाले समय में गोमूत्र का इस्तेमाल कैंसर और त्वचा संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए करने पर भी विचार किया जाएगा।

खास बात यह है कि आयुर्वेदिक दवाइयों से कोई हानि नहीं होती है इसलिए इसकी मांग काफी बढ़ती जा रही है। सरकारी आयुर्वेदिक फार्मेसी ने गोमूत्र को इकट्टा करके उसे बोटलों में पैक करके बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है। फिलहाल यह फार्मेसी आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण करके उन्हें वेस्टर्न यूपी के 16 जिलों में सप्लाई करती है। वहीं, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल एवं अधीक्षक डॉ. प्रकाश चंद्र सक्सेना ने बताया कि हम गोमूत्र को दवाई के तौर पर ही नहीं बल्कि हेल्थ ड्रिंक के तौर पर भी बेचना चाहते हैं।

इस मामले में प्रस्ताव तैयार कर लखनऊ के आयुर्वेद विभाग से चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि रोजाना 10 से 20 एमएल गोमूत्र पीने से कई रोगों से बचा जा सकता है। इससे बुखार, जुकाम और पेट दर्द जैसी आम बीमारियां दूर होंगी, वहीं इंसान की प्रतिरक्षा की शक्ति भी बढ़ेगी। हमारा उद्देश्य गोमूत्र को आसानी से लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि गोमूत्र इक_ा करने के लिए एनजीओ और सरकार के अधीन संचालित गोशालाओं से संपर्क करेंगे।