नई दिल्ली

जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी लगाने की विशेषज्ञों और दवा इंडस्ट्री ने आलोचना की है। बायोकॉन कंपनी की चेयरपर्सन और एमडी किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि भारत जैसे देश में सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं सब तक पहुंचाना एक चुनौती है। इसलिए यहां इस तरह के टैक्स नहीं होने चाहिए। ऑर्गनाइजेशन ऑफ फार्मा प्रोड्यूसर्स की महानिदेशक रंजना ने कहा कि सरकार का यह फैसला लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पहले सरकार ने इंडस्ट्री से कोई चर्चा नहीं की।

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले हफ्ते 74 दवाओं पर आयात शुल्क में छूट खत्म करने का फैसला किया। इनमें जीवन रक्षक दवाओं के साथ कैंसर और डायबिटीज की दवाएं भी शामिल हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इससे दवाएं 22 से 35 प्रतिशत  तक महंगी हो जाएंगी। नए आदेश के मुताबिक कैंसर और जीवन रक्षक दवाओं पर 22 प्रतिशत शुल्क लगेगा। सस्ती दवाओं के लिए काम करने वाली संस्था मेडिसिंस सैंस फ्रंटियर्स की वकील लीना मेंघानी ने कहा कि जिन लोगों को बीमारी के लिए विदेशी दवाइयों की जरूरत पड़ती है वे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।