हरिद्वार। ड्रग अलर्ट जारी किया गया है। बताया गया है कि उत्तराखंड में बनी 12 दवाओं के सैंपल जांच में फेल मिले हैं। सीडीएसओ की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार उत्तराखंड की एक फार्मा कंपनी के नाम पर दिल्ली व पटना में नकली दवा बेची जा रही थी। वहां की दवा दुकानों से डोम्पेरिडोन नेप्रोक्सन सोडियम टैबलेट के सैंपल लिए गए थे। 12 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएसओ) के ड्रग अलर्ट में देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर की निर्माण इकाइयों में निर्मित उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, न्यूरो, नेत्र रोग, गैस्ट्रोपेरेसिस, एसिडिटीकी आदि की दवाएं शामिल हैं।
बता दें कि बीते माह भी उत्तराखंड में बनी 11 दवाओं के सैंपल फेल आए थे।
दरअसल, बीते वर्षों में भारत में निर्मित कुछ दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। खासकर जांबिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत को भारत में बनी खांसी की दवा से जोड़ा गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने दवाओं की निगरानी बढ़ा दी है।
इन दवाओं के सैंपल मिले फेल
सिल्निडिपिन टैबलेट-मैस्काट हेल्थ सीरीज प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार
एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन-एसवीपी लाइफ साइसेंज सेलाकुई, देहरादून
मेटोक्लोप्रमाइड इंजेक्शन-एसवीपी लाइफ साइसेंज सेलाकुई, देहरादून
एम्ब्रोक्सोल हाइड्रोक्लोराइड टरबुटलाइन सल्फेट गुआइफेनसिन मेन्थोल सिरप-जिनेका हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार
गैबापेंटिन टैबलेट-मैस्काट हेल्थ सीरीज प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार
क्विनिन सल्फेट टैबलेट-श्रेया लाइफ साइसेंस प्राइवेट लिमिडेट भगवानपुर रुडक़ी
एमोक्सिसिलिन पोटेशियम क्लैवुलनेट लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट-सुपरमैक्स लैब सेलाकुई देहरादून
रेबेप्राजोल सोडियम टैबलेट-खंडेलवाल लेबोरेटरीज पंतनगर ऊधमसिंहनगर
बिमाटोप्रोस्ट आई ड्राप-कोटेक हेल्थकेयर रुडक़ी
साइक्लोस्पोरिन कैप्सूल-जॉनली फार्मास्यूटिकल्स हरिद्वार
ट्रैनेक्सैमिक एसिड इंजेक्शन-साइकोट्रोपिक्स इंडिया लिमिटेड हरिद्वार
सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन-हिमालय मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड सेलाकुई देहरादून
लाइसेंस सस्पेंड कर वापस मंगाई दवाइयां
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया कि सीडीएसओ की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। संबंधित कंपनियों के उत्पाद लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल आए हैं, उन्हें बाजार से वापस मंगवा लिया है। दवा निरीक्षक यह तय करेंगे कि संबंधित बैच की दवाओं की दुकानों पर बिक्री न होने पाए।