रांची। झारखंड सरकार राज्य में दवा एवं चिकित्सा उपकरणों के निर्माण से जुड़े उद्योगों (फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज) को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को आधी दर पर जमीन उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा कैपिटल इन्वेस्टमेंट में सब्सिडी से लेकर कई प्रकार की अन्य रियायतें प्रदान करेंगी। स्टांप ड्यूटी तथा निबंधन में सौ प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। राज्य सरकार इसके लिए झारखंड फार्मास्यूटिकल पालिसी-2021 लागू करेगी, जिसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
जानकारों के अनुसार, झारखंड में खनिज की बहुलता के कारण फेरियस सल्फेट, मैग्नीशियन सल्फेट, मैग्नीशियम ट्रीसलिकेट, अल्यूमीनियम हाइड्रोक्साइड, जिंक आक्साइड आदि दवा के निर्माण की काफी संभावनाएं हैं। साथ ही यहां 52 हजार टन लघु वनोत्पादों का उत्पादन प्रत्येक वर्ष होता है। इनमें अर्जुन छाल, आंवला, सर्पगंधा, कालमेघ, सोना छाल, सतावर आदि शामिल हैं। राज्य में वर्तमान में फार्मा के सब सेक्टर से संबंधित 90 इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें 55 एलोपैथ, नौ होमियोपैथ, 22 आयुर्वेद तथा एक मेडिकल डिवाइस से संबंधित हैं।
राज्य में फार्मा इंडस्ट्री लगानेवाले निवेशकों को विभिन्न सब्सिडी तथा रियायतों का लाभ देने के लिए उनके आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए इंपावर्ड कमेटी का गठन किया जाएगा। निवेशकों को यह छूट प्राप्त होगी कि वह फार्मास्यूटिकल पालिसी के तहत मिलनेवाली रियायतों का लाभ लें या इंडस्ट्रियल एंड इन्वेसटमेंट प्रमोशन पालिसी का। इस पालिसी को लागू करने के साथ ही फार्मा उद्योग के माध्यम से 20 हजार स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार तथा दो हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। प्रस्तावित झारखंड फार्मास्यूटिकल पालिसी-2021 के अनुसार, राज्य सरकार राज्य को फार्मास्यूटिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए निवेशकों को जमीन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान करेगी। साथ ही जमीन की कीमत पांच साल में दस बराबर किस्त में चुकाने की छूट भी प्रदान करेगी। निवेशकों को कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर 25 प्रतिशत इंसेंटिव भी मिलेगा।
राज्य के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय की महिलाओं तथा दिव्यांगों को पांच प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव मिलेगा। इतना ही नहीं राज्य सरकार बैंकों से ऋण लेने पर ब्याज में भी सब्सिडी देगी। इसके तहत पांच साल तक पांच प्रतिशत वार्षिक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। माइक्रो इंटरप्राइजेज के मामले में अधिकतम 15 लाख, स्माल इंटरप्राइजेज को 50 लाख, मध्यम दर्ज के उद्योग को एक करोड़ तथा बड़े उद्योगों को अधिकतम तीन करोड़ रुपये तक के ऋण में यह सब्सिडी मिलेगी। यदि कोई फार्मा इंडस्ट्री औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित होती है तो लीज के भाड़े में भी छूट मिलेगी। इस पालिसी के तहत निवेशकों को बिजली तथा जीएसटी में भी रियायतें देने का प्रविधान किया गया है।