बद्दी (सोलन)। औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला के एक फार्मा उद्योग में सैंपल लेने गए सीडीएससीओ इंस्पेक्टर के निलंबन पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने रोक लगा दी है। निलंबित इंस्पेक्टर कवियारासन ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। निलंबित इंस्पेक्टर के वकील सौरभ वर्मा ने बताया कि डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ भारत सरकार के सचिव और डिप्टी ड्रग कंट्रोलर के बयानों पर असहमति जताते हुए कैट ने निलंबित इंस्पेक्टर को स्टे दिया है।
उन्होंने बताया कि जज ने पूछा कि क्या सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) का इंस्पेक्टर राज्य सरकार के इंस्पेक्टर के बिना उद्योग में सैंपल लेने जा सकता है? इस पर दूसरा पक्ष संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में सीडीएससीओ की टीम ने दिल्ली के भागीरथ में हॉल सेल मार्केट से 1 करोड़ रुपये की दवाएं जब्त कीं थी।
6 अक्तूबर 2018 को सीडीएससीओ ने बिना संबंधित राज्यों के सहयोग से 4 करोड़ की कॉस्मेटिक की अवैध दवाएं पकड़ी थीं। उद्योग प्रबंधन की तरफ से उपस्थित हुआ वकील भी इसका संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका और कैट ने सीडीएससीओ के इंस्पेक्टर को स्टे दे दिया। 23 अक्तूबर 2018 को बरोटीवाला के फार्मा उद्योग का डरोटावैरिन इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ। यह इंजेक्शन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लगता है। इसके बाद सीडीएससीओ का इंस्पेक्टर उक्त उद्योग में गया व उद्योग में कार्यरत अधिकारियों ने उसे सैंपल लेने से मना कर दिया व उक्त उद्योग की ओर से 29 अक्तूबर को उद्योग में गए इंस्पेक्टर कवियारासन की शिकायत की गई। 30 अक्तूबर को उसका निलंबन कर दिया गया। निलंबन का कारण उक्त इंस्पेक्टर का उद्योग में दुव्र्यवहार बताया गया। साथ ही कहा कि सीडीएससीओ के इंस्पेक्टर फार्मा उद्योगों से सैंपल नहीं ले सकते। बिना किसी अपील-दलील के ही इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया था।