नई दिल्ली। दवा निर्माताओं के लिए बेहद जरूरी खबर है। आयुष मंत्रालय ने वैकल्पिक दवा निर्माताओं को चेतावनी दी है कि अगर अपने उत्पाद को कोविड-19 का इलाज बताकर प्रचारित किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। मंत्रालय का ये कदम तब उठाया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए वैकल्पिक दवाओं के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था। मंत्रालय ने अपने पत्र में सभी राज्यों और केंद्र-शासित क्षेत्रों से उन दवा निर्माताओं को चेतावनी जारी करने के लिए कहा है जो अपने उत्पाद के संबंध में गलत दावे कर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं। मंत्रालय ने नियामकों को भी निर्देश दिया गया है कि अनुपालन न करने वाली कम्पनियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
आयुष मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रमोद कुमार पाठक ने अपने पत्र में लिखा हैकि स्पष्ट उल्लंघन के मामलों में जो लाइसेंसिंग अथॉरिटी या ड्रग कंट्रोलर के सीधे संज्ञान में आएंगे, अथवा मंत्रालय द्वारा उन्हें प्रेषित होंगे, एक चेतावनी जारी की जा सकती है। यदि एक सप्ताह में अनुपालन न हो तो एफआईआर दर्ज की जा सकती है। पत्र में नियामकों से कहा गया कि वो ड्रग्स एंड मैजिकल रेमेडीज़ एक्ट (ऑब्जक्शनेबल एडवर्टीजमेंट्स) 1954 के अनुभाग 7, और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट-1940 के अनुभाग 33-1 और 33-जे के अंतर्गत, शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।