पंजाब। अब दवा विक्रेताओं को नशे की दवाओं बिक्री और वितरण का रिकॉर्ड रखना होगा। बता दें कि नशे के खिलाफ पंजाब सरकार ने 100 दिन का रोडमैप तैयार कर लिया है। दवा विक्रेताओं को अब नशे की दवाओं का भंडारण, बिक्री और वितरण संबंधी रिकॉर्ड रखने को कहा गया है। साथ ही ड्रग कंट्रोलरों को इस पर नजर रखने को कहा गया है। उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी ने दवाओं की बिक्री और खरीदारी संबंधी सही रिकॉर्ड न रखने वाली फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि केमिस्ट एसोसिएशन को नशे की आदत डालने वाली दवाओं के इस खतरे से निपटने के लिए राज्य की एजेंसियों के सहयोग के लिए आगे आने के लिए कहा जा रहा है।
विभाग पहले ही केमिस्ट एसोसिएशन और विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के साथ सेमिनारों और बैठकों का आयोजन कर लोगों तक पहुंच बना रहा है। ‘100 दिनों के रोडमैप’ के तहत उनको नशे के बुरे प्रभावों बारे जागरूक कर रहा है। सोनी ने कहा कि हाल ही में देखा गया है कि युवाओं द्वारा प्रीगैबलिन वाले कैप्सूल और गोलियों का प्रयोग नशे के लिए किया जा रहा है। इसलिए, फूड एंड ड्रग एडमनिस्ट्रेशन के ड्रग कंट्रोल अफसरों को जांच के निर्देश दिए हैं। ड्रग्ज और कास्मेटिक्स एक्ट की धाराओं के तहत उन फर्मों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये गए हैं।
मंत्री ने कहा कि हमें यह यकीनी बनाने की जरूरत है कि ऐसी दवाएं केवल उचित प्रयोग के लिए बनाईं और बेची जाएं। सोनी ने कहा कि लोगों में, खास कर युवा पीढ़ी में नशे की आदत का कारण बनने वाली सभी दवाओं को सीमित किया जाना चाहिए। इनकी सिर्फ सावधानी के साथ ही बिक्री की इजाजत दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में नशे की आदत डालने वाली दवाओं के भंडारण, बिक्री और वितरण पर पैनी नजर रखने के लिए कहा।