Fake Doctor Gang : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फर्जी डॉक्टरों की गिरोह का पर्दापाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये पूरा मामला दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके का है। ई ब्लॉक में एक नर्सिंग होम चल रहा था। यहां पर बिना डॉक्टर की डिग्री के फर्जी डॉक्टर मरीजों की सर्जरी कर रहे थे। मामले की जानकारी मिलने पर दिल्ली पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उनकी पत्नी पूजा और सर्जन डॉक्टर जसप्रीत सिंह के रूप में की है।
पुलिस ने फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार करने के साथ ही अग्रवाल मेडिकल सेंटर का लाइसेंस रद्द करने के लिए भारतीय चिकित्सा संघ को पत्र लिखा है।
पुलिस ने कैसे फर्जी डॉक्टरों की गैंग का पर्दापाश किया
पुलिस को इस मामले की भनक उस वक्त लगी जब बीते महीने 10 अक्टूबर को एक महिला ने इस मामले में शिकायत दर्ज करायी थी। महिला ने आरोप लगाया था कि वह अपने पति को गालब्लैडर की पथरी निकालने के लिए अग्रवाल मेडिकल सेंटर ले गई थी। महिला ने बताया कि सर्जरी शुरू होने से पहले, अस्पताल के निदेशक डॉ. नीरज अग्रवाल ने कहा कि सर्जरी प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर जसप्रीत सिंह करेंगे। सर्जरी के ठीक पहले, डॉक्टर अग्रवाल ने दावा किया कि डॉक्टर जसप्रीत किसी जरूरी काम के कारण नहीं आ सके और डॉक्टर महेंद्र सिंह सर्जरी करेंगे।
ये भी पढ़ें- गलत इंजेक्शन से मरीज की मौत फार्मासिस्ट पर मुकदमा दर्ज
इसके बाद डॉक्टर अग्रवाल ने महेंद्र को पेश किया। उस वक्त मौजूद एक नर्स ने शिकायतकर्ता से डॉ. पूजा का परिचय कराया। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि बाद में उसे जानकारी मिली कि महेंद्र और पूजा डॉक्टर नहीं थे। ऑपरेशन के बाद, उसके पति ने गंभीर दर्द की शिकायत की और उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।जांच के दौरान पता चला कि सर्जरी की तारीख 19 सितंबर, 2022 को जसप्रीत सिंह अस्पताल में मौजूद नहीं थे। पुलिस ने दावा किया कि उसने मृतक की सर्जरी के संबंध में कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।
मेडिकल काउंसिल ने की जांच
इस मामले की जांच मेडिकल काउंसिल कर रही थी। मृतक असगर अली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉक्टर नीरज, उनकी पत्नी पुजा, सर्जन डॉक्टर जसप्रीत सिंह और एक्स लैब तकनीशियन महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।
डीसीपी चौधरी ने कहा, ‘1 नवंबर को चार डॉक्टरों की एक मेडिकल बोर्ड को कथित मेडिकल सेंटर की जांच करने के लिए बुलाया गया था और कई कमियां और कमियां पाई गई थीं। यह पाया गया कि आरोपी अक्सर मरीजों के इलाज और सर्जरी से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे।’
पुलिस ने जब्त किए
➤ डॉक्टर के हस्ताक्षर के साथ 414 पर्चे पर्चियां और ऊपर काफी खाली जगह छोड़ी गई है
➤ दो रजिस्टर जिनमें उन मरीजों का विवरण है जिनका चिकित्सकीय गर्भपात केंद्र में किया गया था
➤ प्रतिबंधित दवाएं
➤ इंजेक्शन जो केवल अस्पतालों में ही स्टोर करने चाहिए
➤ समाप्त हो चुके सर्जिकल ब्लेड
➤ विभिन्न रोगियों के मूल पर्चे पर्चियां
➤ 47 बैंकों की चेक बुक
➤ विभिन्न बैंकों के 54 एटीएम कार्ड
➤ विभिन्न डाकघरों की पासबुक
➤ 6 पीओएस टर्मिनल क्रेडिट कार्ड मशीनें