जोधपुर (राजस्थान)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन स्थानों पर दबिश देकर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है। टीम ने बेरू गांव में संचालित न्यू परिहार मेडिकल व प्रोविजन स्टोर पर अवैध रूप से मरीजों का इलाज करते मोहनलाल परिहार (42) पुत्र केवलराम माली को पकड़ा। मोहनलाल के पास चिकित्सा संबंधी कोई डिग्री नहीं मिली। औषधि निरीक्षक आशीष गज्जा ने वहां बिना लाइसेंस मिली दवाइयों पर औषधि नियंत्रण एक्ट में कार्रवाई की। आरोपी मोहनलाल के खिलाफ राजीव गांधी थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
टीम ने दूसरी कार्रवाई डालीबाई मंदिर के पास जय हनुमान क्लीनिक पर की। यहां डॉ. नूर मोहम्मद प्रैक्टिस करता पाया गया। विभाग ने डिग्री मांगी तो उसने एमबीबीएस की डिग्री जो पाकिस्तान की थी, वह दिखाई लेकिन इंडियन मेडिकल काउंसिल व राजस्थान मेडिकल कांउसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। जबकि नियमानुसार विदेशी एमबीबीएस डिग्रीधारक इंडियन मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही भारत में प्रैक्टिस कर सकता है। विभाग ने जय हनुमान क्लीनिक के संचालक डॉ. मोहम्मद के खिलाफ चौहाबो थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। तीसरी कार्रवाई गोकुलराम निवासी सालावास की दुकान में पीयूष विश्वास नाम के झोलाछाप पर की। पीयूष मूलत: बंगाल का निवासी है। विभाग को मिली शिकायत के बाद बीसीएमओ डॉ. मोहनदान, चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवानीसिंह विश्नोई, ड्रग निरीक्षक पंकज गहलोत व डॉ. अंशुल व्यास ने मौके पर पहुंचकर बिना नाम की गोकुलराम की दुकान के संचालक पीयूष कुमार विश्वास (39) पुत्र बाबूराम निवासी पश्चिम बंगाल हाल निवासी कबीर आश्रम को पकड़ा। झोलाछाप से डिग्री मांगी तो मौके पर कोई दस्तावेज नहीं मिले। बिना लाइसेंस के मिली एलोपैथी की दवाओं व सर्जिकल उपकरणों को जब्त किया गया है। बीसीएमओ डॉ. मोहन दान ने बताया कि दुकान के अंदर मरीजों को आईवी ड्रिप लगाने के लिए पलंग लगा रखा था। बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।