जयपुर। अब हर प्रसूता को डिलिवरी के बाद अपने नवजात को दूध पिलाना होगा। अगर किसी प्रसूता ने बच्चे को दूध नहीं पिलाया तो उसे अस्पताल से छुट्टी नहीं मिलेगी। सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य के सभी अस्पतालों को ये निर्देश दिए हैं। फिलहाल यह व्यवस्था उन अस्पतालों के लिए की गई है, जहां मदर मिल्क बैंक हैं। अभी प्रदेश में ब्यावर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, चूरू, धौलपुर, जालौर, करौली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सिरोही और टोंक में मदर मिल्क बैंक हैं। मदर मिल्क बैंक की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का देश ही नहीं, बल्कि एशिया में भी पहला स्थान है। प्रदेश में अभी तीन मदर मिल्क बैंक और खुलने वाले हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि प्रसूता अगर नवजात को दूध नहीं पिलाती है तो उसे अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जाएगी। उसे लामा (बिना बताए अस्पताल से जाना) घोषित किया जाएगा। ऐसे में सरकारी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ेगा। कोई प्रसूता दूध पिलाने में सक्षम नहीं हैं तो बच्चे के लिए मदर मिल्क बैंक से व्यवस्था की जाएगी और मां का दूध पिलाया जाएगा।