Nalanda: नालंदा (Nalanda) जिले के ग्रामीण अस्पतालों में अब मरीजों के इलाज के लिए टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध होगी। टेलीमेडिसीन सेवा मरीजों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी। नालंदा जिले के 554 ग्रामीण इलाके के अस्पताल इस पर काम कर रहे हैं। अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध है। इसके लिए वहां डॉक्टरों और एएनएम नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
हर हाल में गांवो में टेलीमेडिसीन सेवा उपलब्ध रहे (Nalanda)
हाल में ही एक समीक्षा हुई जिसमें सामने आया कि 355 केन्द्रों में एक भी रोगी का इलाज टेलीमेडिसीन से नहीं हुई थी। यहां की एएनएम से शोकॉज किया जा चुका है। सेवा में सुधार की गुंजाइश को लेकर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की अपर निदेशक डॉ. संस्कृति सिन्हा बरियार ने समीक्षा की। इसमें एएनएम का सही से प्रशिक्षित नहीं होने और हब में डॉक्टरों की अनदेखी की बातें सामने आयीं। समीक्षा बैठक में कहा गया कि हर हाल में गांवों में टेलीमेडिसीन सेवा बहाल रहे। जिससे अधिक से अधिक रोगियों का बेहतर इलाज गांवों में ही हो सक। डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि जिले के केन्द्रों पर एक हजार 50 नर्स काम कर रही हैं।
238 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) भी इन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर हैं। उनके माध्यम से सामुदायिक स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, इस सेवा में तैनात एएनएम अब भी तकनीकी रुप से पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हो पायी हैं।
बेहतर नर्स की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण दें
समीक्षा बैठक में अपर निर्देशक ने स्वास्थ्य केंद्रों को आदेश दिए कि बेहतर नर्स की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जायें। इसके लिए नर्सों को टैबलेट (टैब) भी दिए गए हैं। इसके माध्यम से दूसरी तरफ हब सेंटर में बैठे एमबीबीएस डॉक्टर उनकी परेशानी और बीमारी को देख-सुनकर इलाज करते हैं।
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बैठक में सभी प्रखंडों के बीसीएम, बीएचएम व प्रभारियों के साथ डीपीएम ने बैठक की। इसमें राज्य स्वास्थ्य समिति के मान इकबाल, सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिन्हा, चिकित्सा प्रभारी डॉ. राजीव रंजन, डॉ. राकेश रंजन व अन्य मौजूद रहे।