नई दिल्ली: बच्चों के पसंदीदा आहार मैगी नूडल्स में सीसे की अधिक मात्रा की वजह से भारत में बैन का कलंक धोने में जुटी मशहूर खाद्य पदार्थ उत्पादन कंपनी नेस्ले के सफल व्यापार की उडान को जेटएयरवेज ने झटका दिया है।
दरअसल, 12 अगस्त को बेंगलूरु से दिल्ली के लिए सुबह 9:20 पर उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज फ्लाइट की इकोनॉमी क्लास में सीट नंबर 11डी पर यात्रा करने वाली एक महिला पैसेंजर को खाने के साथ नेस्ले कंपनी की किटकेट चॉकलेट भी एयरहोस्टेस द्वारा परोसी गई। जैसे ही महिला चाकलेट खाने के लिए पैकिंग कवर फाडऩे लगी तो उनकी नजर उत्पादन तिथि पर पड़ी। एक्सपायर्ड तिथि देखकर पैसेंजर चौंक गई कि इतने उच्चस्तर पर भी खाने-पीने की चीजों में घोर लापरवाही बरती जा रही है। इससे भी ज्यादा हैरानी तब हुई जब पैसेंजर ने एयरहोस्टेस से इसका जवाब मांगा।
एयरहोस्टेस बोली, यह बच्चों के खाने की चॉकलेट है, आपको किसने परोस दी। पैसेंजर ने लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना जवाब की शिकायत के लिए बाकायदा शिकायत फार्म भरा और उचित कार्रवाई की मांग की। चॉकलेट पर अंकित खाने संबंधी नियम के मुताबिक, तीन नवंबर 2015 में बनी इस चॉकलेट को 2 अगस्त 2016 तक ही खाने के लिए दिया जा सकता था।
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जब इस बारे में नेस्ले कंपनी के कंज्यूमर केयर पर बात की गई तो उन्होंने भी इसे घोर लापरवाही माना। प्रतिनिधि ने मेडीकेयर न्यूज से बातचीत में कहा कि एक्सपायर खाद्य पदार्थ बेचना संबंधित एयरलाइन कंपनी का अपराध है, क्योंकि नियमों के मुताबिक, कोई भी उत्पाद एक्सपायर होने से कुछ दिन पहले कंपनी को वापस भेजा सकता है। फिर भी कोई इसकी बिक्री करता है, तो संबंधित विके्रता जिम्मेदार है। सवाल उठता है कि बच्चों के खाने-पीने की चीजों में इस तरह की लापवारही क्या आम बात है, क्योंकि बच्चे इतनी जानकारी या नजर कहां रखते हैं, उनको तो खाने से मतलब होता है। वैसे गड़बड़ी किसी भी स्तर की हो, पहली नजर में तो छवि उत्पादन कंपनी की ही खराब होती है। जेटएअरवेज में इस बाबत बात करनी चाही तो संपर्क नहीं हो सका। पता चला है कि नेस्ले कंपनी इस लापरवाही की जानकारी होते ही हरकत में आ गई। कंपनी के प्रतिनिधि ने एयर कंपनी में संपर्क साधा है क्योंकि मैगी को लेकर भारत में नेस्ले की छवि और व्यापार को गहरा धक्का लगा है।
जानकारों की मानें तो एयरपोर्ट अथौरिटी को भी संज्ञान लेना चाहिए। वहां मौजूद फूड सेफ्टी विभाग सुनिश्चित करे कि यात्रियों को दी जानेवाली खाने-पीने की चीजे गुणवत्ता परक हों, वितरण चाहे हवाई अड्डे पर हो या फिर किसी भी कंपनी की फ्लाइट में, कड़ी निगरानी होनी चाहिए।