मंडी (हप्र)। पैरासिटामोल और एजिथ्रोमाइसिन के सेवन से मरीजों में रिएक्शन होने का मामला प्रकाश में आया है। मामला संज्ञान में आने पर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में एजिथ्रोमाईसिन, पैरासिटामोल तरल और डीएलएफ ग्लूकोज के स्टॉक को जब्त कर लिया गया है। दवा नियंत्रक पवन कुमार ने बताया कि प्रभावित बैच की दवाओं के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे हैं और रिपोर्ट आने तक इन दवाओं का वितरण रोक दिया है।
यह है मामला
बीते दिनों क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में उल्टी-दस्त, बुखार और अन्य रोगों से पीडि़त मरीजों को एजिथ्रोमाईसिन, पैरासिटामोल तरल और डीएलएफ ग्लूकोज दवाएं दी गई थीं। इससे कुछ मरीजों के शरीर पर लाल दाने उभरने लगे और बुखार बढऩे की शिकायतें सामने आईं। इससे अस्पताल प्रबंधन में हडक़ंप मच गया और सभी पीडि़तों को तुरंत वैकल्पिक दवाएं देकर राहत पहुंचाई गई।
दवा नियंत्रक पवन कुमार ने दवा वितरण कक्ष पर तैनात कर्मचारियों को इन दवाओं का आवंटन न करने को कहा है। वहीं, पैरासिटामोल की लगभग 100 गोलियां, एजिथ्रोमाइसिन की 1,335 टैबलेट्स और डीएलएफ ग्लूकोज की 323 बोतलों को जब्त कर लिया है। जिन बैचों की दवाओं से मरीजों को समस्या हो रही थी, उनके सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस बारे में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. धर्म चंद वर्मा ने कहा कि कुछ मरीजों ने इन दवाओं के सेवन के बाद खुजली और अन्य रिएक्शन की शिकायतें की थीं। इसके मद्देनजर दवा नियंत्रक ने प्रभावित दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब इन दवाओं के स्थान पर अन्य वैकल्पिक दवाएं मरीजों को दी जा रही हैं।