मुंबई। फार्मा विदेश व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने प्री-शिपमेंट निरीक्षण एजेंसियों (पीएसआईए) की मान्यता को विस्तार दे दिया है।

भू-राजनीतिक तनाव कम करेगा

डीजीएफटी का यह महत्वपूर्ण निर्णय लाल सागर क्षेत्र में व्यापार मार्गों को प्रभावित करने वाले बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को कम करेगा। यह विस्तार विशेष रूप से 27 दिसंबर, 2023 तक अपना मूल तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पीएसआईए पर लागू होता है। फिलहाल इसकी वैधता को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

लाल सागर क्षेत्र वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण

बता दें कि लाल सागर क्षेत्र वैश्विक व्यापार में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया को जोडऩे वाले एक महत्वपूर्ण समुद्री गलियारे के रूप में कार्य करता है। डीजीएफटी का कदम इस भू-राजनीतिक हॉटस्पॉट में बढ़ती संवेदनशीलता पर विचार करता है। इसका उद्देश्य चिंताओं को कम करना और व्यापार प्रथाओं की अखंडता को बनाए रखना है। पीएसआईए को अपना परिचालन सुचारू रूप से जारी रखने की अनुमति देकर, डीजीएफटी प्री-शिपमेंट निरीक्षण के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करता है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

डीजीएफटी का दूरदर्शी निर्णय

गौरतलब है कि इस निर्णय का प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। इसके वैश्विक निहितार्थ हैं। लाल सागर क्षेत्र एक प्रमुख व्यापार मार्ग बना हुआ है। इस क्षेत्र में व्यवधान पूरे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क पर पड़ सकता है। डीजीएफटी का दूरदर्शी निर्णय संभावित व्यवधानों को कम करता है। यह स्थिर और कुशल वैश्विक फार्मा व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

विदेशी व्यापार के लिए अनुकूल माहौल

एक अधिकारी के अनुसार, यह विस्तार केवल एक नौकरशाही प्रक्रिया नहीं है। इस विस्तार से व्यवसायों को समर्थन देने और प्री-शिपमेंट निरीक्षण प्रक्रियाओं की अखंडता को बनाए रखने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। यह गतिशील और चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिदृश्यों के बीच, विशेष रूप से लाल सागर जैसे भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में, विदेशी व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।