नई दिल्ली। फार्मा सेक्टर में मार्जिन बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि फार्मा कंपनियां वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बीते साल की तुलना में 15 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज करेंगी। इसका कारण घरेलू कारोबार में वृद्धि और अमेरिका में कीमत में हल्की कमी आने से लाभ मिलने को बताया जा रहा है।

अस्पतालों और डायग्नोस्टिक कंपनियों का बढ़ेगा राजस्व

एबिटा में पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत के आसपास बढ़ोतरी होने का अनुमान है। गौरतलब है कि चौथी तिमाही स्वास्थ्य सेवा और डायग्नोस्टिक कंपनियों के मामले में सीजन के लिहाज से बेहतर होती है। इसलिए अस्पतालों और डायग्नोस्टिक कंपनियों का राजस्व पिछले साल के अनुपात मेें 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वहीं एबिटा 25 प्रतिशत तक या उससे ज्यादा बढ़ सकता है।

इन फार्मा को मिलेगा लाभ

जेनेरिक रेवलिमिड (मल्टीपल मायलोमा के इलाज में इस्तेमाल) से नैटको, जाइडस लाइफसाइंसेज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल), अरबिंदो जैसी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अमेरिकी बाजार में कीमतों में हल्की गिरावट से अरबिंदो जैसी जेनेरिक कंपनियों को फायदा होगा।

फार्मा सेक्टर

इस तिमाही के दौरान घरेलू कारोबार में 11 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है। भारतीय बाजार में टॉरंट फार्मा और सन फार्मा जैसी बउ़ी कंपनियों को उनके पुराने पोर्टफोलियो और बिक्री वृद्धि से लाभ मिलेगा।

विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि इस तिमाही में लागत दबाव में कमी जारी रहेगी। इस कारण पिछले साल के मुकाबले मार्जिन में मदद मिलेगी। जेनेरिक के मूल्य निर्धारण के स्थिर माहौल के साथ नई दवा की शुरुआत से कंपनियों को अमेरिका में स्थिर कारोबार नजर आने के आसार हैं।

सन फार्मा करेगी बृद्धि

विश्लेषकों को उम्मीद है कि विशिष्ट पोर्टफोलियो में निरंतर गति के कारण सन फार्मा पिछले साल की तुलना में नौ प्रतिशत की एबिटा वृद्धि दर्ज करेगी जबकि सिप्ला और जाइडस लाइफसाइंसेज क्रमश: नौ प्रतिशत और 17 प्रतिशत की एबिटा वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। डिवीज लैबोरेटरीज और जाइडस लाइफसाइंसेज जैसी कंपनियों में क्रमश: बेहतर उत्पाद मिश्रण तथा जेनेरिक रेवलिमिड की अधिक बिक्री की सहायता से मार्जिन में तिमाही आधार पर वृद्धि देखी जाएगी।