नई दिल्ली। एफएमजीई (फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन) देने के लिए नए नियम जारी हो गए हैं। अब परीक्षा पास करने के लिए अधिकतम 3 साल और 6 अटेम्प्ट ही मिलेंगे। ये नियम नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने जारी किए हैं। इससे पहले स्टूडेंट्स के पास परीक्षा पास करने के लिए कोई निर्धारित सीमाअवधि नहीं है। गौरतलब है कि इस बार की एफएमजीई की परीक्षा 20 जनवरी 2024 को होगी।

एमसीआई स्क्रीनिंग टेस्ट भी है इस परीक्षा का नाम

फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए साल में दो बार एफएमजीई की परीक्षा होती है। यह परीक्षा नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) लेता है। बता दें कि इस परीक्षा को एमसीआई स्क्रीनिंग टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह परीक्षा उन भारतीय छात्रों के लिए अनिवार्य होती है, जिन्होंने विदेश से एमबीबीएस किया हो। वहीं, भारत के ऐसे ओवरसीज नागरिक जो एमबीबीएस के बाद भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हों। उपरोक्त के लिए यह परीक्षा पास करना जरूरी होता है।

ये भी है नियम

बता दें कि एमबीबीएस पास करने के बाद ही स्टूडेंट्स को एमसीआई यानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से प्रोविजनल या परमानेंट रजिस्ट्रेशन मिल पाता है। पांच देश ऐसे हैं, जहां से एमबीबीएस करने के बाद भारत में प्रैक्टिस के लिए ये टेस्ट देना जरूरी नहीं है। इन पांच देशों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएस और यूके के नाम शामिल हैं।

परीक्षा के लिए अधिकतम तीन साल का होगा समय

विदेश में छह साल का एमबीबीएम कोर्स और एक साल की इंटर्नशिप करने में कुल सात साल लगते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को अधिकतम 10 सालों में इंटर्नशिप के साथ एमबीबीएम कोर्स पूरा करना होगा। इसके बाद ही वे एफएमजीई की परीक्षा देने के लिए पात्र होंगे। इस स्थिति में स्टूडेंट्स को एफएमजीई की परीक्षा देने के लिए सिर्फ तीन साल का समय मिलेगा।
एफएमजीई की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। अत: कोई भी छात्र अधिकतम 6 अटेम्प्ट ही दे पाएगा। एफएमजीई पास करने के बाद भी स्टूडेंट को भारत में 1 साल और इंटर्नशिप करनी जरूरी है। तब जाकर भारत में प्रैक्टिस करने के लिए वे अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

इंटर्नशिप शब्द को क्लीयर नहीं समझ पा रहे छात्र

कई छात्रों में नेशनल मेडिकल कमीशन के नए नियम से असमंजस बना हुआ है। उनका कहना है कि इंटर्नशिप शब्द स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। आदेश में 10 सालों की इंटर्नशिप का मतलब भारत में से या फिर विदेश से है, यह स्पष्ट नहीं है। इस कारण असमंजस बना हुआ है। अगर इंटर्नशिप का मतलब भारत आने के बाद से मानें तो स्टूडेंट्स को एग्जाम देने लिए केवल 2 साल और 4 अटेम्प्ट ही मिल पाएंगे।

एफएमजीई के लिए 50 प्रतिशत अंक लेना जरूरी

एफएमजीई पास करने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत अंक लेना जरूरी है। दरअसल, एफएमजीई का कट ऑफ स्कोर 50 फीसदी से ज्यादा ही रहता है। 49.5 प्रतिशत स्कोर वाला छात्र भी डिस्क्वालिफाई माना जाता है। दूसरा यह कि परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स को आंसर की जारी नहीं की जाती है। वहीं, ऑब्जेक्शन करने के लिए भी समय नहीं मिलता है। मतलब यह कि सीधे मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। इस कारण से एफएमजीई पास करना काफी कठिन माना जाता है।

सरकार नहीं कर रही मामला स्पष्ट

मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डॉक्टर विवेक पांडे का कहना कि सरकार ने इनडायरेक्ट तरीके से एफएमजीई की जगह नेक्स्ट लागू करने का फैसला लिया है। नए आदेश में भी इसका संकेत मिलता है लेकिन इस पर मामला स्पष्ट नहीं किया है।