मुंबई। नियामकीय मंजूरी हासिल कर चुकी मलेशिया की स्वास्थ्य सेवा दिग्गज आईएचएच हेल्थकेयर बरहाड अगले हफ्ते फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड का औपचारिक नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बीते माह आईएचएच और फोर्टिस के सौदे को मंजूरी दी है। इसके बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी अस्पताल व डायग्नोस्टिक शृंखला की 31 फीसदी हिस्सेदारी लेने का रास्ता साफ हो गया। यह काम पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक नॉर्दर्न टीके वेंचर्स को 40 अरब रुपये के तरजीही शेयर आवंटन के जरिए होगा यानी कंपनी इस पर 40 अरब रुपये का निवेश करेगी। सूत्रों का कहना है कि कि आईएचएच कभी भी फोर्टिस को रकम दे सकती है। इससे आईएचएच को फोर्टिस के कुल वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी का करीब 31 फीसदी मिल जाएगा। इसके बाद मलेशिया की स्वास्थ्य सेवा दिग्गज 170 रुपये के भाव पर 26 फीसदी शेयर के लिए अनिवार्य खुली पेशकश लाएगी। बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिलने के बाद खुली पेशकश लाई जाएगी। इस बारे में अगले हफ्ते औपचारिक घोषणा हो सकती है।
बताया जा रहा है कि अगर मलेशियाई दिग्गज की खुली पेशकश कामयाब रहती है तो आईएचएच के पास एफएचएल की 57 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस लेनदेन से एफएचएल के नियंत्रण में बदलाव हो जाएगा। एनटीकेवी के जरिए आईएचएच कंपनी की प्रवर्तक के तौर पर वर्गीकृत होगी और इसके पास निदेशकों के नामांकन का अधिकार होगा, जो बोर्ड के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करेंगे। फोर्टिस के मौजूदा बोर्ड के तीन सदस्य रवि राजगोपाल, इंद्रजित बनर्जी और सुब्बलक्ष्मी चक्रवर्ती हैं। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक व प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन का कहना है कि फोर्टिस के बोर्ड का विस्तार होगा। फोर्टिस के बोर्ड में तीन से चार नए सदस्य शामिल किए जाने की संभावना है। आईएचएच खुले बाजार से 170 रुपये के भाव पर 26 फीसदी हिस्सा खरीदने के लिए खुली पेशकश ला सकती है। जुलाई के मध्य में सौदे के ऐलान के बाद से अब तक फोर्टिस के शेयर में 5.4 फीसदी की कमी देखने को मिली है। शुक्रवार को यह बीएसई पर 139.9 रुपये पर बंद हुआ। सुब्रमण्यन का मानना है कि पिछले कुछ महीने में फोर्टिस के शेयरों में आई गिरावट को देखते हुए आईएचएच को खुली पेशकश पर अच्छी प्रतिक्रिया मिल सकती है। एक अन्य प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म के विश्लेषक का मानना है कि कुछ निवेशक इसमें बने रह सकते हैं क्योंकि आईएचएच के अधिग्रहण के बाद फोर्टिस के कायापलट की संभावना है। बाजार के सूत्रों ने संकेत दिया कि ज्यादातर संस्थागत निवेशक (उदाहरण के लिए येस बैंक) खुली पेशकश में अपने शेयर बेच सकते हैं। ऐसे निवेशकों के पास वे शेयर हैं जो कोलेटरल के तौर पर रखे गए थे और खुली पेशकश उन्हें इससे बाहर निकलने का मौका देगा, जिसका प्रदर्शन कमजोर रहा है। इस बीच, फोर्टिस ने हाल में उच्च स्तर पर तीन इस्तीफे देखे हैं और सबसे ताजा मामला मुख्य कार्याधिकारी भवदीप सिंह का इस्तीफा है। इससे पहले फोर्टिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी गगनदीप सिंह बेदी ने अगस्त में कंपनी छोड़ दी थी और कंपनी सचिव राहुल रंजन ने अक्टूबर में कंपनी छोड़ी।