ज्ञानपुर। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता कही जाए या लापरवाही। सात से आठ साल पूर्व स्वर्गवासी हो चुके फार्मासिस्टों के प्रमाण पत्र पर आज भी मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे हैं। मरीजों को सही दवा देने के लिए मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की मौजूदगी आवश्यक होती है, लेकिन जिले में बड़ी संख्या में मेडिकल स्टोर फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे चल रहे हैं। कई दवा की दुकानें वर्षों पहले स्वर्गवासी हो चुके फार्मासिस्टों के लाइसेंस पर चल रही हैं। दरअसल ड्रग इंस्पेक्टर की जांच में 30 मेडिकल स्टोर फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे संचालित होते मिले हैं। इनमें से छह मेडिकल स्टोर ऐसे हैं, जो स्वर्गवासी हो चुके फार्मासिस्टों के प्रमाण पत्र पर चलाए जा रहे हैं। 24 के प्रमाण पत्र ही संदिग्ध पाए गए हैं। जिन मेडिकल स्टोर में खामियां मिलीं, उनमें राजश्री मेडिकल, आरोग्य मेडिकल, धर्मा ड्रग एजेंसी, मिश्रा मेडिकल, सनी मेडिकल, श्वेत मेडिकल, खुशी मेडिकल, विजया मेडिकल, शारदा मेडिकल, आरके मेडिकल, मधुर मेडिकल, सुमन मेडिकल, अंसारी मेडिकल, पाल मेडिकल, विकास मेडिकल, पवित्र मेडिकल, शिवम मेडिकल, श्रीराम मेडिकल, राहत मेडिकल, आलोक मेडिकल, आयुष मेडिकल जायसवाल मेडिकल, संदीप मेडिकल, इंडियन मेडिकल, अशोक मेडिकल, शिप्रा मेडिकल, जय मां भद्रकाली मेडिकल शामिल हैं। अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने जन सूचना अधिकार के तहत ड्रग इंस्पेक्टर से सूचना मांगी थी। जिस पर विभाग की ओर से 30 मेडिकल फर्जी फार्मासिस्ट के सहारे चलते हुए बताया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि फर्जी कागजात से चलाए जा रहे सभी मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ड्रग इंस्पेक्टर ने आयुक्त को पत्र लिखा है।