अहमदाबाद (गुजरात)। राज्य में छोटी दवा कंपनियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ये फार्मा कंपनियां निर्यात के लिए अमेरिका व यूरोप जैसे बाजार पर नजर रखे हुए हैं। पारंपरिक रूप से छोटी व मझोली कंपनियां अर्ध-विनियमित बाजारों लैटिन अमेरिका और अफ्रीका आदि पर ध्यान देती रही हैं। हालांकि साधारण जेनेरिक्स में कीमत के दबाव के चलते बड़ी दवा कंपनियां अमेरिकी बाजार में खास दवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है, वहीं छोटी व मझोली कंपनियों को इसमें मौका दिखा है जो आंशिक तौर पर बड़ी कंपनियों ने छोड़ा है।
गौरतलब है कि गुजरात में दवा उद्योग एक बार फिर नई कंपनियों से दो-चार हो रहा है जो अमेरिका व यूरोप जैसे विनिमय बाजारों पर आक्रामकता से नजर डाल रही है जबकि ये लैटिन अमेरिका व अफ्रीका जैसे अर्ध-विनियमित बाजारों में मौजूद रही हैं।
हाल में अहमदाबाद के ऐस्पी समूह की तरफ से 2016 में अधिग्रहीत ऐविस फार्मा के जॉर्जिया संयंत्र को अमेरिकी खाद्य व दवा नियामक से मंजूरी मिली है। इसके साथ ही ऐस्पी समूह गुजरात की अन्य कंपनियों मसलन कैडिला हेल्थकेयर की रैंक में शामिल हो गई है जिसके संयंत्र अमेरिका में हैं, ऐसे में कंपनी के लिए विनियमित बाजार खुल गए हैं। 886 करोड़ रुपये वाले ऐस्पी समूह का ऐविस फार्मा के जरिए अमेरिका में फॉम्र्युलेशन संयंत्र राजस्व में तत्काल 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करेगा और 2019 के आखिर में 992 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। ऐविस फार्मा अनुबंध पर जेनेरिक दवाओं के निर्माण आदि में शामिल है। एस्पी के कार्यकारी निदेशक स्वप्निल शाह का मानना है कि उनका समूह विनियमित बाजारों के लिए उपयुक्त क्षेत्रों का फायदा उठा सकता है। शाह के मुताबिक, मांसपेशियों के इलाज में काम आने वाली दवाओं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और दर्द निवारक दवाओं समेत अन्य दवा अमेरिकी बाजार में लोकप्रिय हो रही हैं। ऐसे में बढ़ते निर्यात की पृष्ठभूमि में अहमदाबाद की लिन्कॉन फार्मा ने निरीक्षण व मंजूरी के लिए आवेदन किया है, जिससे कंपनी को पहली बार विनियमित बाजारों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है। कंपनी को उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में उसका निर्यात दोगुना हो जाएगा, जो विनियमित बाजारों में मंजूरी पर निर्भर करेगा। लिंकन फार्मा के प्रबंध निदेशक महेंद्र पटेल का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले कंपनी का निर्यात अब तक दोगुना होकर 300 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। कंपनी कई तरह की दवाएं बनाती हैं।उनहोंने बताया कि हमने विनियमित बाजारों में निरीक्षण के लिए आवेदन किया है। अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया, लैटिन व मध्य अमेरिका व अन्य क्षेत्रों में हमारा निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। हम कुछ सीआईएस देशों में भी जगह बनने की उम्मीद कर रहे हैं।