Newborn organs donation: अंगदान को सबसे दान माना जाता है। ये वो दान है जब आप मरने के बाद भी दूसरे लोगों की जिंदगी को सवार देते हैं। सूरत के एक कपल ने अंगदान की नई मिसाल कायम करके एक नया इतिहास रच डाला। कपल का नवजात शिशु अपनी मौत से पहले 6 दूसरे शिशुओं को नई जिंदगी दे गया। जन्म लेने के 111 घंटे तक जीवित रहने वाले इस नवजात ने अन्य 6 शिशुओं को नयी जिंदगी दी।
ये पूरा मामला सूरत का है। जन्म लेने के बाद ही शिशु को डॉक्टर ने ब्रेन डेड घोषित किया। ऐसे में परिजनों ने अपने शिशु के अंगों को डोनेट करने का फैसला लिया। शिशु की दो किडनी, लीवर और आंखों को दूसरे शिशुओं के लिए दान किया गया। बच्चे के माता-पिता ने अपने नवजात के अंगों को दान कर सही में एक नया इतिहास बना दिया। शायद ही कोई माता-पिता ऐसा कर पाते।
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सूरत के रहने वाले सिंघानी परिवार में एक नवजात का जन्म हुआ। जन्म लेने के बाद नवजात के शरीर में कोई हलचल नहीं थी। डॉक्टरों ने बच्चे को निगरानी में रखा। जन्म लेने के 111 घंटे के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को डेड ब्रेन घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने देखा कि जन्म के वक्त बच्चे के रोने की आवाज भी नहीं आई। बच्चे को ब्रेनडेड घोषित किए जाने के बाद शहर की जीवन दीप ऑरगन डोनेशन संस्था ने परिवार से संपर्क किया और परिवार को अंगदान के लिए राजी किया, लेकिन परिवार के लिए ये पल इतना भी आसान नहीं थी। आखिरकार परिवार में दूसरे लोगों को नई जिंदगी देने का फैसला किया। इसके बाद अंगदान की तैयारी की गई। संस्था की मानें तो यह संघानी परिवार ने अपने 4 दिन के नवजात शिशु के अंगों को दान करके कीर्तिमान बनाया है। इतनी कम उम्र में अंगदान पहले कभी नहीं हुआ है। यह अंगदान भारत के इतिहास में दर्ज हुआ है।
जब परिवार ने अपने नवजात बच्चे का अंग दान किया तो हॉस्पिल परिसर में भारत माता की जय के नारे भी लगे। डॉक्टरों का कहना है कि नवजात शिशु के अंगों से 8 से 10 महीने के बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकेगी।