कोडरमा (झारखण्ड)। कोरोना वायरस के चलते मास्क और सैनिटाइजर दवा दुकानों और थोक विक्रेताओं के पास आउट ऑफ स्टॉक हो गया है, वहीं फुटपाथ पर इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। मास्क की बढ़ती डिमांड को देखते हुए झुमरीतिलैया के भगवती मार्केट के पास लगने वाले मंगल बाजार में कई दुकानदारों के पास टू लेयर मास्क उपलब्ध थे। इन्हें 50 से 100 रुपये में बेचा जा रहा था। वहीं, मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी को रोकने के लिए झुमरीतिलैया और कोडरमा की दर्जनों दुकानों में छापेमारी की गई और दुकानदारों को मास्क की कालाबाजारी नहीं करने की हिदायत दी गई। मंगल बाजार में फुटपाथ दुकान लगाने वाले दुकानदारों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण मास्क की डिमांड बढ़ गई है और कपड़ों से ज्यादा लोग मास्क की खरीदारी करने आ रहे हंै। फुटपाथ दुकानदार के अनुसार कोलकाता से लाकर ये मास्क बेचे जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ दवा दुकानों में सिर्फ सिगल यूज मास्क ही उपलब्ध है।
वहीं फुटपाथ पर मास्क बेचे जाने के संबंध में सदर अस्पताल के दंत चिकित्सक डॉ. शरद कुमार ने बताया कि बार-बार हाथ से छूने से वैसे ही मास्क की उपयोगिता खत्म हो जाती है। इसके अलावा खुले में मास्क दुकानों में लटके होने से इसमें वैसे ही वायरस के लक्षण के अलावा धुल पड़ जाती है, जिसके कारण इस तरह के मास्क का इस्तेमाल करना अनुपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया की सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। ऐसे लोग मास्क का इस्तेमाल करें जिनमें सर्दी और खांसी के लक्षण है और जो लोग इनके संपर्क में रहते हों। उन्होंने बताया कि सिंगल यूज मास्क महज 5-6 घंटे के इस्तेमाल के लिए ही बना होता है। जबकि एन 95 मास्क को भी इतने अवधि के बाद सैनिटाइजर करने की आवश्यकता होती है।