सहारनपुर (उप्र)। मेडिग्राम अस्पताल पर मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में 9.65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अस्पताल प्रबंधन यह जुर्माना राशि पीडि़त रोगी को देगा। उक्त पीडि़त रोगी के इलाज में लापरवाही के चलते अपनी टांग गंवानी पड़ी थी। यह आदेश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने दिए हैं।
जानकारी अनुसार गांव छापर निवासी महिपाल 27 जनवरी 2016 को सडक़ हादसे में घायल हो गया था। उनकी जांघ में गंभीर चोट आई थी। एक्स-रे रिपोर्ट में पता चला कि जांघ की हड्डी टूट गई है। प्राथमिक इलाज के बाद महिपाल को मेडिग्राम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

हड्डी की जगह नस का ऑपरेशन कर डाला

मेडिग्राम हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही कर दी गई। हड्डी की जगह मरीज की नस का ऑपरेशन कर दिया गया। पैर में वजन बांध दिया गया, लेकिन महिपाल को दर्द में कोई आराम नहीं मिला। दूसरे दिन महिपाल की टांग का एक ओर ऑपरेशन कर डाला। इसके बाद भी उसे कोई राहत नहीं मिली।

दूसरे डॉक्टर को दिखाने पर सच्चाई आई सामने

दर्द कम न होने पर पीडि़त मरीज ने एक अन्य डॉक्टर को दिखाया। उक्त डॉक्टर ने जांच कर बताया कि ऑपरेशन गलत किया गया है। इस कारण पैर में इंफेक्शन फैल गया है। पीडि़त फिर से मेडिग्राम में भर्ती हुआ। आठ फरवरी तक मेडिग्राम में महिपाल का इलाज चलता रहा। कोई आराम नहीं होने पर महिपाल को जॉलीग्रांट के लिए रेफर कर दिया गया। वहां महिपाल को बताया गया कि इंफेक्शन के कारण टांग में पस बन गई है। ऐसे में टांग काटने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

उपभोक्ता आयोग की ली शरण

टांग गंवाने वाले महिपाल ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। मामले की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने आदेश जारी किए। आयोग ने मेडिग्राम अस्पताल पर 9.65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अस्पताल प्रबंधन को यह जुर्माना राशि पीडि़त रोगी को देने के निर्देश दिए हैं।