Blood Separation Unit: उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में ब्लड सेपरेशन यूनिट (Blood Separation Unit) स्थापित की जायेगी। ब्लड सेपरेशन यूनिट को जिला अस्पतालों में स्थापित किया जायेगा। इससे डेंगू और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी।

वर्तमान में 28 जिलों में ब्लड सेपरेशन यूनिट (Blood Separation Unit)

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 28 जिलों में ब्लड सेपरेशन यूनिट मौजूद है। बहुत ही जल्द प्रदेश के सभी जिलों में बीसीएस यूनिट के स्थापित होने का लाभ लाखों लोगों को मिल सकेगी। प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के नाम पर निजी अस्पतालों की लूट से भी उन्हें निजात मिल सकेगी। राज्य  के तमाम जिलों में अभी कंपोनेंट ब्लड सेपरेशन यूनिट नहीं है। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा ने जल्द यूनिट स्थापित करने के लिए उपकरणों की खरीद के निर्देश दिए हैं। उससे पहले जिन अस्पतालों में इन्हें लगाया जाना है, वहां के सीएमएस के साथ वर्चुअल बैठक करने के लिए कहा गया है।

इन जिलों में लगेगी ब्लड सेपरेशन यूनिट 

उत्तर प्रदेश के जिन 46 जिलों के जिला अस्पतालों  में ब्लड सेपरेशन यूनिट लगाया जायेगा उनमें अमेठी, अमरोहा, औरैया, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, संभल, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव हैं।

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गौरतलब है कि डेंगू, चिकिनगुनिया सहित कई बीमारियों में प्लेटलेट घट जाते हैं। जबकि आग से जल गए मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। एक यूनिट ब्लड इस यूनिट से गुजरने के बाद तीन से चार अलग-अलग बीमारियों में काम आता है। ऐसे में ब्लड सेपरेशन यूनिट की बहुत जरुरत होती है। अभी  प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और बाकी के अस्पतालों में मिलाकर 52 बीसीएस यूनिट हैं। जबकि निजी क्षेत्र में करीब 277 बीसीएस यूनिट मौजूद है।