लखनऊ। योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी करवाई की है। यूपी स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल के नाम पर वसूली का खेल चल रहा था। इनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने यूपी स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार के.के सचान को पद से बर्खास्त कर दिया है। अब फार्मेसी काउंसिल का कार्यभार पैरामेडिकल काउंसिल के डायरेक्टर डॉ. ज्ञान प्रकाश को सौंपा गया है। वहीं, अध्यक्ष सुनील यादव की भी छुट्टी कर दी गई है। अध्यक्ष पद का प्रभार डीजी हेल्थ संभालेंगे।
यूपी स्टेट फार्मेसी काउंसिल में चल रही रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की शिकायत लगातार शासन को मिल रही थी। शासन की भ्रष्टाचार उन्मूलन वेबपोर्टल पर जनसुनवाई पर बड़ी संख्या में फार्मासिस्टों ने रिश्वतखोरी की शिकायत की थी। शासन ने पहले रजिस्ट्रार को चेतावनी देकर छोड़ दिया था। उसके बावजूद घूसखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। तंग आकर डीजी हेल्थ ने रजिस्ट्रार के.के सचान और अध्यक्ष सुनील यादव दोनों को बर्खास्त कर दिया।