नई दिल्ली: राजधानी में वायरल बुखार की गिरफ्त बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। मानसून के शुरुआती दिनों में वायरल का प्रकोप देखकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। विडंबना यह भी है कि भीमराव अंबेडकर अस्पताल, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, हेडगेवार, अरुणा आसफ अली जैसे दिल्ली सरकार के बड़े अस्पतालों और पॉलीक्लीनिक में बुखार की दवा तक उपलब्ध नहीं हैं।
         अरुणा आसफ अली अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि डेंगू और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन स्टॉक में दवा की किल्लत है, जिससे इलाज प्रभावित हो रहा है। मरीजों को प्राथमिक उपचार के तौर पर दी जाने वाली पैरासिटामोल दवा का स्टॉक भी अस्पताल में पिछले कई दिनों से खत्म है। डॉक्टर के मुताबिक स्टॉक में उपलब्ध दवा ही मरीजों को लिख सकते हैं। इन सबके बीच अस्पताल प्रशासन अपने स्तर से मरीजों को दवा उपलब्ध करा रहा है। यही हाल भीमराव अंबेडकर अस्पताल का है। यहां डॉक्टर ने बताया कि पिछले 20 दिनों से पैरासिटामोल दवा का नया स्टॉक अस्पताल में नहीं पहुंचा है। बचा हुआ स्टॉक 10 दिन पहले खत्म हो चुका है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों को दवा की आपूर्ति सेंट्रल प्रोक्योरमेट एजेंसी (सीपीए) द्वारा की जाती है लेकिन कई बार दवा की मांग करने के बावजूद सीपीए की तरफ से आपूर्ति नहीं हुई है। हालांकि भीमराव अंबेडकर अस्पताल की एमएस पुनीता महाजन अस्पताल में दवा आपूर्ति बाधित होने की बात से इनकार कर रही हैं। उनका दावा है कि अपने स्तर पर अस्पताल दवा जुगाड़ कर मरीजों को उपलब्ध करा रहा है।
          सीपीए अधिकारियों के मुताबिक, दवा कंपनी ने ऐन वक्त पर दवा उपलब्ध कराने से मना कर दिया था। इस कारण सीपीए को दोबारा टेंडर करना पड़ा और अस्पतालों में दवा आपूर्ति बाधित हुई लेकिन 27 लाख टेबलेट सोमवार को पहुंच गई हैं,  32 लाख टेबलेट का स्टॉक अगले दो-तीन दिन में पहुंच जाएगा। मरीजों के इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
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