ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने देश में बेची जा रही कैंसर कारक दवा रेनिटिडिन पर तत्काल रोक लगाने के लिए प्रस्तुत जनहित याचिका पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। एसिडिटी होने पर डॉक्टर यह दवा लिखते हैं। एसीलोक के नाम से यह दवा मिलती है। कई कंपनियां इसे अन्य नाम से भी बेचती हैं।
एडवोकेट विभोर कुमार साहू ने जनहित याचिका में कहा है कि देश में 150 से अधिक कंपनियां रेनिटिडिन दवा बेच रही हैं। अमेरिका में 13 सितंबर, 2019 को वहां के एफडीए विभाग द्वारा जांच के बाद बताया गया कि इस दवा में एनडीएमए नाम का केमिकल पाया गया है, जो मानव शरीर में कैंसर उत्पन्न करता है।
अमेरिका में इसकी जानकारी सार्वजनिक होने के बाद वहां की कंपनियों ने बाजार से इस दवा को वापस मंगा लिया। यूरोपीय देशों में भी इस दवा को बंद कर दिया गया। वहां की सरकारों ने एडवाइजरी जारी की कि इस दवा के स्थान पर वैकल्पिक दवा का इस्तेमाल किया जाए, जबकि भारत में अभी भी यह दवा बिक रही है। सरकार ने 23 सितंबर को ड्रग कंट्रोलर को यह निर्देश कि वे दवा कंपनियों से बात कर पता लगाएं कि हमारे यहां यह दवा बिक रही है या नहीं। सरकार द्वारा इस मामले में कोई भी एडवाइजरी जारी नहीं की गई। याचिका में कहा गया है कि कैंसर कारक दवा रेनिटिडिन की 668 करोड़ की बिक्री देशभर में हो रही है। इस दवा के रैपर पर वार्निंग लिखी जाए कि इससे कैंसर होता है। एक जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में 11 लाख 57 हजार लोग कैंसर के शिकार हुए हैं, इनमें 7 लाख 84 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।