रायपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दुर्ग के दो युवकों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित सेक्टर नौ अस्पताल के एक नर्सिंग स्टाफ से खरीदकर बेच रहे थे। अब तक आरोपितों ने करीब आठ इंजेक्शन 17-17 हजार रुपये में बेचने की बात कबूल की है। दरअसल, साइबर सेल को एक महिला ने जानकारी दी थी कि दुर्ग के दो युवक रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने के लिए उससे संपर्क किया था।

इसके आधार पर साइबर सेल की टीम ने युवकों रंगे हाथ दबोचने की योजना बनाई। ग्राहक बनकर पुलिस जवान ने उनसे इंजेक्शन का सौदा 17 हजार रुपये में तय किया फिर एम्स के पास डिलेवरी देने के लिए बुलाया। दोनों युवक जैसे ही वहां पहुंचे उन्हें दबोच लिया गया। आरोपितों के कब्जे से दो रेमडेसीविर इंजेक्शन, मोबाइल आदि जब्त किया गया।

साइबर सेल प्रभारी आरके साहू ने बताया कि रायपुर में लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को ध्यान में रखकर एसएसपी अजय यादव ने कालाबाजारियों की धरपकड़ करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में शनिवार को दुर्ग जिले के मुस्लिम सराय केलाबाड़ी थाना पदमनाभपुर निवासी शाहरूख कुरैशी (28) द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की सूचना मिलने पर उससे 17 हजार रुपये में सौदेबाजी की गई।

आमानाका क्षेत्र में इंजेक्शन देने के लिए बुलाया गया। शाहरूख कुरैशी अपने साथी मोहसिन खान (28) के साथ इंजेक्शन की डिलेवरी देने जैसे ही पहुंचा दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर दोंनों ने मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने की बात स्वीकार की।

साइबर सेल की टीम ने मौके पर औषधि विभाग की टीम को बुलाकर आरोपियों की निशानदेही पर उनके कब्जे से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं दो मोबाइल जब्त किए। औषधि विभाग की टीम ने आरेापितों के खिलाफ औषधि अधिनियम की कार्रवाई की जबकि आमानाका थाना पुलिस ने अलग से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है।