अम्बाला /लुधियाना (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। मोदीखाना दवा विक्रेता के मालिक द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया पर सांझा की गई जिसमें जेनरिक दवाइयों के रेटों में व एमआरपी में अंतर पर सवालिया निशान लगते हुए स्वयं को जनता का हितैषी व गुरु घर का अनन्य सेवक के रूप में सार्वजनिक करते हुए देशभर के दवा व्यवसाइयों को अधिक मूल्य चार्ज करने वाला बताया जिससे पंजाब ही नही पूरे देश के दवा व्यवसाइयों के मन मे गहरा रोष व्याप्त है कि अपनी दुकान चलाने के लिए सारे दवा व्यवसायियों को गलत ठहरा देना कहाँ तक उचित है ? जबकि सच्चाई जिससे कोई भी मुकर नही सकता कि किसी भी काउंटर पर जेनरिक दवाओं की सेल 10 से 15 प्रतिशत तक ही होती है जबकि बड़े अस्पतालों में 80 से 90 प्रतिशत तक जेनरिक दवाइयां ही बिकती हैं वह भी एमआरपी पर और देशभर में कोई भी रिटेलर जेनरिक दवाओं को एम आर पी पर बिल्कुल भी नही बेचता वह सामान्य लाभांश ले कर ग्राहक को एम आर पी से छूट देता है जिसे ग्राहक भी सम्मान महसूस करता है और दवा भी उचित मिल जाती है । जबकि अस्पतालों में मरीज कमरे में बंद रहता है और मात्र दवा की पर्ची ही तीमारदार को दी जाती है जल्दी दवा लाओ बोलकर अब तीमारदार को दवा की कीमत से कोई सरोकार नही होता कि दवा किस किस्म की है रेट क्या लिखा क्या लिया जा रहा है बस उनका मरीज शीघ्र ठीक हो जाए , इन 5 सितारा अस्पतालों के बारे कोई क्यों नही बोलता क्यों कि ये अस्पताल धनाढ्यों के होते हैं और उनकी पहुंच औषधि प्रशासन हो या सरकार इनकी पहुंच में होते हैं अत: इनका कुछ नही बिगड़ सकता ।
मोदीखाना के नाम पर न तो ड्रग्स लाइसेंस ही है न औषधि प्रशासन के रिकॉर्ड में मोदीखाना नाम इस दुकान से जुड़ा हुआ है अत: भ्रामक प्रचार कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहता है ये सख्श । अपनी वीडियो में इस जेनरिक दवा व्यवसाई ने अपने सम्बन्ध खालिस्तान से भी सांझा किये इतना ही नही जब किसी दवा व्यवसाई ने इनसे फोन पर बात की तो इन्होंने राज उगल दिया कि इन्हें विदेशों से फंडिंग हो रही है जिससे घर का खर्चा चल रहा है । इस वीडियो बारे जब पी सी ए महासचिव सुरेन्द्र दुग्गल से बात की तो उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में मात्र जेनरिक दवाओं का जिक्र है जिसकी सेल आमतौर पर दुकानों में 10 प्रतिशत के करीब ही होती है जबकि 90 प्रतिशत तक एथिकल दवाओं की सेल होती है दवाओं पर रेट व मुनाफा डीपीसीओ विभाग द्वारा तय किये जाते हैं और पीसीए हो या एआईओ सीडी जेनरिक दवाओं पर बेतहाशा मूल्यांकन का विरोध दर्ज करवाते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग करते आये हैं।
दुग्गल ने आह्वान कि इस जेनरिक दवा वयवसाई द्वारा वीडियों में देश भर के दवा व्यवसाइयों को अपमानित किया। अत: देशभर में एफआईआर दर्ज करवाई जाएं जिसकी शुरुआत शीघ्र ही पंजाब के हर जिले से होगी । सरकार को भी चाहिए कि वीडियो में खालिस्तान का हूँगारा देने वाले व विदेशी फंडिंग का खुलासा करने वाले का रिकॉर्ड खंगाले कहीं ये देश विरोधी ताकतों के हाथ में तो नहीं खेल रहा? जो देश के प्रधानमंत्री के नाम की ओट में कोई बड़ी साजिश तो नही ।