कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि साफ-सफाई रखने के साथ अपना इम्युनिटी पावर बढ़ाना। इसके लिए आर्युवेदिक उपाय सबसे बेहतर ऑप्शन है, साथ ही आसपास का वातावरण ऐसे साफ रखें वातावरण को कोरोना सहित अन्य वायरस या बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए अगर, तगर, लौंग, इलायची, कपूर, गुग्गल, जावित्री आदि जड़ी बूटियों को आग में जलाकर इनका धूपन करें।

दूध में हल्दी, मुनक्का और खजूर उबालकर लेने से प्रतिरोधक क्षमता में तुरंत सुधार होता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए इनका इस्तेमाल विशेष रूप से प्रभावी है। इस मौसम में विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। गिलोय, भुंई, आंवला, संतरा, मौसमी, अंगूर का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए।

चिकित्सकों के मुताबिक कोरोना वायरस का संक्रमण बुजुर्गों और बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है। इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से वायरस सांस की नली और फेफड़ों को प्रभावित कर इन्हें गंभीर रूप से बीमार बना सकता है। इन नुस्खों को अपनाकर आप अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।

डॉ. पाराशर ने बताया की तुलसी, अदरक, लौंग, काली मिर्च, सौंठ, गिलोय और छोटी पिप्पली को दूध, चाय या पानी में उबालकर दिन में दो तीन बार पीने से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। सौंठ, काली मिर्च और पिप्पली की गोली त्रिकटु के नाम से बाजार में उपलब्ध है। गिलोय या गुडुची की गोली भी आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान पर आसानी से मिल सकती है।

कोराना वायरस का मुकाबला बेहतर प्रतिरोधक क्षमता से ही किया जा सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है।

चिकित्सकों के अनुसार खुद को ठंड से बचाएं और ठंडी तासीर वाले भोजन का परहेज करें। आप गरम सूप, चाय, दूध या पानी का सेवन करते रहें। कच्चा सलाद खाने से बचें खाना ही हो तो अच्छी तरह धो लें।

आयुर्वेदिक दवाओं में तालीसादिचूर्ण, सितोपलादि चूर्ण, लक्ष्मी विलास रस, चंद्र अमृत रस, टंकण भस्म, वासावलेह, अगस्त्य हरीतकी आदि दवाओं का सेवन चिकित्सक की सलाह से करें।