नालछा-मांडू। पर्यटन नगरी मांडू, औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर सहित आदिवासी बहुल नालछा विकासखंड के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी बड़ी सौगात मिली है। कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि हमने पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। जिलेभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक एवं बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। राज्य शासन के साथ बड़ी कंपनियां और समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर हम जिले के स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा यहां भी प्रयास है कि स्थानीय स्तर पर जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो और स्वास्थ्यकर्मी अच्छे माहौल में काम करें। अगले क्रम में हम जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इस तरह की सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
दरअसल कलेक्टर आलोक सिंह ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दौरा किया था। उनकी विशेष रुचि के चलते लाखों रुपयों के स्वास्थ्य उपकरण इन केंद्रों पर पहुंचाए जाएंगे। गौरतलब है कि बगड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिमाह 150 नॉर्मल डिलीवरियां होती हैं। इसे लेकर बगड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र को अवार्ड भी मिला है। कलेक्टर आलोक सिंह को जब नईदुनिया के माध्यम से इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए यहां आधुनिक डिलीवर टेबल और अन्य सुविधाएं देने की बात कही थी, जो अब पूरी होने जा रही है। इसके पूर्व प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने भी बगड़ी का दौरा किया था। उसके बाद यहां स्वास्थ्य केंद्र को नवीन भवन की सौगात मिली थी। स्वास्थ्य केंद्रों से सैकड़ों आदिवासी गांव जुड़े हैं।
संसाधन व सुविधाओं के अभाव में उन्हें धार और इंदौर जाना पड़ता था। इस प्रयास के बाद अब थोड़ी ही सही, लेकिन उन्हें राहत जरूर मिलेगी। पीथमपुर की फार्मा कंपनी सिपला लिमिटेड से कलेक्टर ने चर्चा की थी। इसके बाद कंपनी ने अपने सीआरएस फंड से ये उपकरण उपलब्ध कराए हैं, जिन्हें संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। जिले में प्रयास किया जा रहा है कि राज्य शासन और बड़ी कंपनियों के सीआरएस फंड और समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाए। पर्यटन नगरी मांडू में भी सुविधाएं बढ़ने से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को राहत मिलेगी।
छोटी-बड़ी घटनाएं होने पर सुविधाओं के अभाव में मरीजों को जिला मुख्यालय धार का रुख करना पड़ता था। छोटी-छोटी सुविधाएं उपलब्ध होने से अब यहां भी राहत मिलने की उम्मीद है। यहां भ्रमण करने आने वाले लाखों सैलानियों के साथ लगभग 25 गांव के आदिवासी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर हैं। इन पांच प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से अधिकांश को नए भवन तो मिले, लेकिन सुविधाओं को लेकर परेशानी की स्थिति थी। कलेक्टर आलोक सिंह ने दौरा कर स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोगों से चर्चा कर यह जाना था कि यहां किन-किन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। उसके बाद सुविधाओं को सुचारू करने का प्रयास हुआ है।
स्वास्थ्य केंद्रों को मिले ये उपकरण
पीथमपुर- 15 सेमी फ्लोर बेड, 15 मैट्रेस, 15 आइवी रॉड 15 कैबिनेट बॉक्स, दो ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
नालछा- सात सेमी फ्लोर बेड, सात मैट्रेस, सात आइवी रॉड, सात कैबिनेट बॉक्स, डिलीवरी टेबल, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
मांडू- सात सेमी फ्लोर बेड, सात मैट्रेस, सात आइवी रॉड, सात कैबिनेट बॉक्स, डिलीवरी टेबल, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
दिग्ठान- सात सेमी फ्लोर बेड, सात मैट्रेस, सात आइवी रॉड, सात कैबिनेट बॉक्स, डिलीवरी टेबल, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
बगड़ी- डिजिटल एक्सरे, सात सेमी फ्लोर बेड, सात मैट्रेस, सात आइवी रॉड, सात कैबिनेट बॉक्स, डिलीवरी टेबल, दो ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
सागौर- सात सेमी फ्लोर बेड, सात मैट्रेस, सात आइवी रॉड, सात कैबिनेट बॉक्स, डिलीवरी टेबल, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर