Sonipat: सोनीपत (Sonipat) के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने कमाल कर दिखाया। 12 वर्षीय बच्ची के जन्मजात मोतियाबंद का सफल ऑपरेशन कर बच्ची की आंखों की रोशनी को वापस लौटाया। डॉक्टरों के इस नेक कार्य की जमकर तारीफ हो रही है।

राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम योजना से फंड दिलवाकर महंगे लेंस लगवायें (Sonipat)

बच्ची की मां की मौत हो चुकी है। पिता दिहाड़ी मजदूरी करके चार बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। बच्ची की आंख का ऑपरेशन होना था। उसकी आंखों में महंगे लेंस लगाए जाने थे। डॉक्टरों ने राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम योदना से फंड दिलवाकर बच्ची की आंखों में महंगे लेंस लगवायें। ऑपरेशन के बाद बच्ची भली भांती देख पा रही है।

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जब पिता ने बेटी को अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टर ने बताया था कि बच्ची की आंखों का आपरेशन होना और इसके बाद लेंस लगाए जाएंगे। इसके बाद उसकी आंखों की रोशनी वापस आ सकती है, लेकिन उसके पास इतने रुपये नहीं थे कि वह बेटी के लिए महंगे लेंस खरीद सके।इसके बाद उसने नागरिक अस्पताल के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. विकास चहल को बेटी को दिखाया और रुपये नहीं होने की असमर्थता भी बताई।

सरकारी योजना से 33 हजार रुपए का फंड जारी किया गया 

पिता की इस असमर्थता पर नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ विकास चहल ने बाल सुरक्षा कार्यक्रम काम देख रहे रितिका और राहुल से संपर्क किया। इसके तहत काफी भाग-दौड़ के बाद बच्ची के आंखों के लिए दो इंपोर्टेड लेंस खरीदने के लिए 33 हजार रुपये का फंड जारी कराया गया। इस योजना के तहत गरीब बच्चों के इलाज के लिए सरकार की ओर से फंड दिया जाता है।

बिना बेहोश किए बच्ची के आंखों का ऑपरेशन 

डॉ विकास चहल ने जानकारी दी कि पांच सालों में पहली बार जिले में इस तरह का मामला सामने आया है। ऑपरेशन से पहले मरीज को बेहोशी का इंजेक्शन दिया जाता है। लेकिन इस केस में ये करना मुमकिम नहीं था।  बिना बेहोश किए उसका ऑपरेशन किया जाना था। इसके लिए पहले बच्ची की काउंसलिंग की। बच्ची को समझाया कि कैसे उसकी आंखों का आपरेशन होना है, इस दौरान उसे किस तरफ देखना है, हिलना नहीं है। बच्ची की एक आंख का आपरेशन 8 अप्रैल तो दूसरी का 28 अप्रैल को किया गया। दोनों में लेंस डाले गए। अब बच्ची बढ़िया तरीके से सब कुछ देख पा रही है। उसकी आंखों की रोशनी वापस लौट गई।