जयपुर। किसी भी स्टेट फार्मेसी काउंसिल में अब फर्जी रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। अगर ऐसा हुआ तो तुरंत बाद ही मामला आसानी से पकड़ में आ जाएगा। यह एक तरह से लाइव रजिस्टर की तरह काम करेगा। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली देशभर की स्टेट काउंसिल में ‘फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन ट्रेकिंग सिस्टम’ विकसित करने जा रहा है। इसके लिए यूनिक आइडेन्टीफिकेशन नंबर भी दिया जाएगा। इससे उसका रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण व प्रोफेशन का भी पता किया जा सकेगा। मौजूदा स्थिति में राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में 51 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड है। जबकि देशभर में 12 लाख से ज्यादा पंजीकृत फार्मासिस्ट हैं। पीआरटीएस विकसित करने के अलावा अनेक निर्णय पीसीआई के सदस्यों की मीटिंग में लिए है। इस संबंध में जानकारी देते हुए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ.बी.सुरेश ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की काउंसिल के सदस्यों की मीटिंग में पीआरटीएस सिस्टम, एनपीए व आयुष्मान मित्र जैसे अनेक प्रोजेक्ट को सख्ती से लागू करने के लिए देश के सभी राज्यों को पत्र लिखा जाएगा।