रोहतक/अंबाला : केंद्र सरकार बेशक डिजिटल इंडिया की गहरी छाप छोड़ रही हो। लेकिन हरियाणा में असर फीका है और हरियाणा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) विभाग की वेबसाइट http://fdaharyana.gov.in/FDA-ContactUs  इसे पुख्ता करती है। वेबसाइट पर विजिट किया तो ऐसा लगा मानों एफडीए विभाग की कॉन्टेक्ट लिस्ट 13.5.2015 के बाद अपडेट ही नहीं की गई क्योंकि ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुरेश कुमार चौधरी आज भी अंडर सस्पेंशन दिख रहे हैं। लिस्ट से उनका संपर्क नंबर भी गायब है। विभाग बेशक इसे बड़ी खामी न मानते हुए तकनीकीत्रुटि कह कर बात टाल दे लेकिन उस सूरत में यह खामी गंभीर हो जाती है जब ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुरेश कुमार चौधरी की मौजूदगी में हुई कार्रवाई में दवा का सैंपल फेल होने और सप्लाई रोके जाने की खबर मीडिया में उनके हवाले से प्रकाशित हो। सैंपल राज्य की सरकारी सप्लाई दवा का है।

खबर ये थी कि हरियाणा मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएमएससीएल) के जरिए होने वाली सरकारी दवा खरीद के तहत क्वालिटी फार्मास्यूटिकल कंपनी के पेरासिटामोल सस्पेंशन सीरप का ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुरेश चौधरी द्वारा लिया गया सैंपल जांच में फेल हो गया। सुरेश चौधरी की शिकायत पर ही संज्ञान लेते हुए ड्रग कंट्रोलर हरियाणा नरेंद्र आहूजा ने आगे की कार्रवाई अमल में लाई है। मेडीकेयर न्यूज ने जब खबर के संदर्भ में सुरेश कुमार चौधरी से बात करने के लिए एफडीए विभाग की वेबसाइट पर कॉन्टेक्ट लिस्ट खोली तो रिकॉर्ड में वह अंडर सस्पेंशन मिले। खोजबीन करने पर पता चला कि विभाग उन्हें कभी का बहाल कर चुका है इसलिए ड्यूटी कर रहे हैं।

बता दें कि वर्ष 2013 में ड्रग ऑफिसर रहते हुए सुरेश चौधरी पर हिसार में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जिसके चलते उन्हें सस्पेंड किया गया था। इसी साल 2017 में करीब छह माह पहले उन्हें बहाल किया गया है। तीन-साढ़े तीन साल तक सस्पेंशन अवधि में सुरेश चौधरी बेशक अपने ऊपर लगे करप्शन चार्ज को निराधार साबित कर बहाल होने में कामयाब हो गए हों पर लगता है विभाग ने अपने ऑनलाइन रिकॉर्ड में अभी उन्हें आरोप मुक्त नहीं माना वरना यूं आज भी उनके नाम के आगे मोटे अकसरों में अंडर सस्पेंशन न चस्पा होता। इस बारे में जानकारी लेने के लिए ड्रग कंट्रोलर हरियाणा नरेंद्र आहूजा और ड्रग ऑफिसर सुरेश चौधरी को फोन किया लेकिन सरकारी काम से व्यस्तता के चलते वह उपलब्ध नहीं हो सके। पचंकूला मुख्यालय में मौजूद अंबाला संवाददाता के जरिये भी अधिकारी का पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन संवाददाता ने बताया कि ड्रग कंट्रोल अधिकारी सीट पर नहीं है।

दूसरी तरफ, भ्रष्टाचार रोकने के उद्देश्य से राज्य की खट्टर सरकार तमाम विभागों और उनके अधिकारियों को आम आदमी से सीधा जोडऩे के लिए पूरे सिस्टम कोऑनलाइन करने पर जोर दे रही है। खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सीएम कार्यालय के ऑनलाइन बेड़े में आमूल-चूल परिवर्तन किया है ताकि सरकारी मशीनरी से आम आदमी बेवजह दंडित या दुखी न हो। बीच के सिस्टम की वजह से सुविधा-शिकायतें पर कार्रवाई प्रभावित न हो इसलिए सीएम विंडो समेत अन्य ऑनलाइन साधनों को मजबूत किया है।