नई दिल्ली। केंद्र सरकार और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के बीच कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ की खरीद को लेकर समझौता हो गया है और कंपनी सरकार को पहली 10 करोड़ खुराकें 200 रुपये प्रति शीशी की कीमत पर प्रदान करेगी। वहीं दूसरी तरफ खुले बाजार की बात करें तो इसमें कोविशील्ड की कीमत 1,000 रुपये प्रति खुराक हो सकती है और कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने अपने एक हालिया बयान में इसकी पुष्टि की थी। यह दुनिया की सबसे किफायती वैक्सीनों में से एक होगी।

सूत्रों के मुताबिक 16 जनवरी को भारत में वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद सरकार इसके निर्यात की मंजूरी भी दे सकती है। गौरतलब है कि ‘कोविशील्ड’ को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ने फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी में विकसित किया है और भारत में इसके निर्माण और ट्रायल की जिम्मेदारी SII को दी गई है जो अन्य विकासशील और गरीब देशों के लिए भी इसका निर्माण करेगी। बता दें कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड को 3 जुलाई को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी। इसके साथ भारत बायोटेक की कोवैक्सिन वैक्सीन को भी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई थी, हालांकि दोनों वैक्सीनों की मंजूरी में अंतर है।

लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए मुख्य तौर पर कोविशील्ड की ही उपयोग होगा औऱ जरूरत पड़ने पर ही कोवैक्सिन का उपयोग किया जाएगा। बतादें कि स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 से कम उम्र के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका नंबर आएगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। सबसे अंत में युवा और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।

SII के अधिकारियों के अनुसार, SII के पुणे प्लांट से वैक्सीन की खुराकें आज रात या कल सुबह से निकलना शुरू हो सकती हैं और इन्हें जल्द ही देश के कोने-कोने में पहुंचाया जाएगा। दरअसल चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस की मदद से बनाई गई कोविशील्ड को 23,745 लोगों पर हुए अंतरराष्ट्रीय ट्रायल में 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। बता दें कि भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा और सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है।

इसमें सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके बाद पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लगभग दो करोड़ कर्मचारियों को खुराक दी जाएगी। केंद्र सरकार इन सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुकी है। हालांकि बैठक के बाद SII के सूत्रों के मुताबिक कंपनी और सरकार के बीच वैक्सीन की कीमत लिखित में फिक्स हो गई है और शुरूआत में हर हफ्ते कुछ लाख खुराकें प्रदान की जाएंगी। उन्होंने शुरूआत में कुल 1.1 करोड़ खुराकें भारत को दिए जाने की बात कही।