नोएडा। कोविड-19 संक्रमण के दौरान एक्टेमरा इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो आरोपियों को कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह इंजेक्शन कोविड संक्रमित मरीजों को काफी गंभीर हालत होने पर दिया जाता है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक एक्टेमरा इंजेक्शन बरामद किया गया है जो इस्तांबुल से आयातित है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड अभी फरार है। पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

नोएडा जोन के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने सोमवार रात को सेक्टर-30 जिला अस्पताल के पास से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान संगम विहार नई दिल्ली निवासी रवि कुमार और मोहम्मद जुनेद के रूप में हुई है। दोनों आरोपी एक्टेमरा इंजेक्शन 400 एमजी, 20 एमएल की कालाबाजारी कर रहे थे। इसके पास से एक इंजेक्शन बरामद किया गया है। बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 30 से 35 हजार रुपये तक है, जबकि यह आरोपी इस इंजेक्शन को 80 हजार से एक लाख रुपये में बेच रहे थे। यानी करीब करीब 3 गुना कीमत अधिक वसूल कर रहे थे। गिरोह का मास्टरमाइंड आकाशदीप है जो अभी फरार है। एडीसीपी का कहना है कि आकाशदीप को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर कर रहे थे कालाबाजारी
एडीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि यह लोग सोशल मीडिया पर मदद करने के नाम पर और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जरूरतमंद लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें तीन गुना से अधिक कीमत पर यह इंजेक्शन बेचते थे। प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपी करीब एक महीने से कालाबाजारी और अब तक 10 से अधिक इंजेक्शन बेच चुके हैं।

बीटेक है फरार मास्टरमाइंड
एडीसीपी ने बताया कि सेक्टर-27 निवासी आकाशदीप बीटेक पास है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह इंजेक्शन इस्तांबुल से आयातित है। हालांकि, दोनों आरोपी इस पूरे नेटवर्क के बारे में नहीं बता पा रहे हैं। आकाशदीप की गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटवर्क का पता चलेगा और यह इंजेक्शन कहां से लाते थे और अब तक किन-किन लोगों को बेच चुके हैं। इसका पता चलेगा।

कोविड-19 महामारी के दौरान एक्टेमरा इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी करीब 3 गुना कीमत पर जरूरतमंद लोगों को बेच रहे थे। आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। – रणविजय सिंह, एडीसीपी नोएडा