रोहतक। आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए करवाया गया ऑप्रेशन ही अब मरीजों के लिए खतरा बन गया है। अलग-अलग जिलों के नागरिक अस्पतालों में हुए ऑप्रेशन के बाद 37 लोगों की आंखों पर आफत बन आई है। आंखों में संक्रमण के कारण मवाद (पश) बन गई है, मामला इतना गंभीर है कि मवाद ज्यादा होने पर आंख तक निकालनी पड़ सकती है। चिकित्सकों के अनुसार ज्यादातर मरीजों की आंखों की रोशनी जा सकती है। ये मरीज भिवानी, करनाल और झज्जर जिले से आए हैं। 37 में से करीब 30 मरीज भिवानी कृष्ण लाल जलाना गवर्नमेंट आई हॉस्पीटल से हैं।

बताया जा रहा है कि यहां करीब 400 लोगों की आंखों का ऑप्रेशन किया गया। अन्य जिलों में भी ऑप्रेशन हुए, इनमें से जो मरीज पीजीआई रोहतक के नजदीक हैं, वे यहां आ गए। बाकी अन्य जगह इलाज के लिए गए हैं। फिलहाल पीजीआई के नेत्र रोग विभाग की रेटिना यूनिट ने स्पेशल टीम मरीजों के इलाज में लगा दी है। चिकित्सकों की मानें तो इतने बड़े पैमाने पर पहली बार आंखों का इंफेक्शन सामने आया है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि जो दवाई ऑपरेशन के दौरान या ऑपरेशन के बाद आंखों में डाली गई संक्रमण उससे हुआ है।

भिवानी समेत अन्य जिलों के नागरिक अस्पतालों में मोतियाबिंद के लिए आंखों के ऑप्रेशन हुए। भिवानी में 11, 13 और 18 मार्च को करीब 400 ऑप्रेशन किए गए। अलवर के रहने वाले मुंशी, भिवानी के भीम सिंह, सरदारपुरा के करण सिंह, महेंद्रगढ़ की बसंती जींद के डोयला की कमला आदि ने बताया कि कृष्ण लाल जलाना गवर्नमेंट आई हॉस्पीटल, भिवानी में उन्होंने ऑप्रेशन करवाया था। वे घर भी चले गए। अगले ही दिन उनकी आंखों में तेज दर्द होने लगा। उन्होंने डॉक्टर से बात की तो बताया गया कि दर्द होगा, लेकिन दर्द असयहनीय होता चला गया।

कई दिन बाद जब उन्होंने जांच करवाई तो पता चला कि आंखों में मवाद बन गई है। इसके बाद वे पीजीआई में इलाज के लिए आए। करीब 30 मरीज यहां ऐसे हैं जिन्होंने भिवानी के अस्पताल से ऑप्रेशन करवाया था। स्थिति उस समय और भी गंभीर हो गई जब करनाल और झज्जर के नागरिक अस्पताल में ऑप्रेशन करवाने वाले मरीज भी पीजीआई पहुंच गए। सभी की आंखों में संक्रमण के कारण मवाद बन चुकी है।

चिकित्सकों के अनुसार मवाद बनने का मतलब है संक्रमण गंभीर है। मरीज की आंखों की रोशनी बचाना तो मुश्किल है ही साथ ही मवाद ज्यादा बन जाती है तो आंखे निकालनी पड़ सकती है, क्योंकि मवाद पूरे शरीर में फैलने का डर रहता है। इसके अलावा दूसरी आंख को भी नुकसान हो सकता है।