जयपुर। राजस्थान मेडिकल काउंसिल में फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने का भंडाफोड़ हुंआ है। जाली कागजातों के आधार पर ऐसे लोगों को डॉक्टर बना दिया गया, जो केवल 12वीं पास हैं। मजे की बात तो यह है कि इन लोगों ने न तो एक भी दिन मेडिकल की पढ़ाई की और न ही इंटर्नशिप की। बिना किसी डिग्री के इन्हें गायनेकोलॉजिस्ट बना दिया। आरएमसी में रजिस्ट्रेशन के बाद ये सभी फर्जी डॉक्टर मरीजों की जान जोखिम में डालकर इलाज कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत में डॉक्टर बनने के लिए सालों तक पढ़ाई करनी होती है। उसके लिए नीट जैसे टफ एग्जाम को पास करना होता है। राजस्थान मेडिकल काउंसिल में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इसमें फर्जीवाड़ा करके जाली सर्टिफिकेट के आधार पर कई अयोग्य लोगों को डॉक्टर बनाकर मरीजों का इलाज करने का लाइसेंस दे दिया गया। इन फर्जी डॉक्टरों का बाकायदा राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन किया है। आरएमसी में चल रहे इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की मेडिकल काउंसिलों और मेडिकल विश्वविद्यालयों में दस्तावेज खंगाले गए।
जांच में सामने आया कि आरएमसी में यह पूरा खेल दूसरे राज्यों की काउंसिलों में पहले से रजिस्टर्ड डॉक्टरों के राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया में सेंध लगाकर हुआ। फर्जी डॉक्टरों ने आवेदन के साथ दूसरे राज्य की काउंसिल का जाली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और एनओसी लगाई और आरएमसी ने इसका वेरिफिकेशन किए बिना रजिस्ट्रेशन कर दिया।