हिसार (हरियाणा)। सर्द मौसम में स्वाइन फ्लू से ग्रस्त रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वैक्सीन की ब्लैक मार्केटिंग होने लगी है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) 600 रुपए की वैक्सीन के 2700 से लेकर 3 हजार रुपए तक वसूले रहे हैं। इसका खुलासा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान डॉ. जेपीएस नलवा ने किया है।
नरवाल ने बताया कि दरअसल, इस रोग से ग्रस्त कुछ मरीजों के लिए वैक्सीन की जरूरत थी। ऐसे में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से संपर्क किया तो 600 रुपए की वैक्सीन की एवज में 2700 से 3 हजार रुपए तक मांगने लगे। जब उन्हें कहा कि यह तो बहुत कम कीमत में मिलता है तो उनसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। डॉ. नलवा ने इस पर आपत्ति जताते हुए ब्लैक मार्केटिंग के खिलाफ ड्रग कंट्रोलर, सीएमओ सहित आईडीएसपी ऑफिसर को शिकायत देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। यह स्थिति इसलिए भी पैदा हो रही है कि स्वाइन फ्लू का वायरस फैल रहा है। हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य विभाग टेमी फ्लू दवा नहीं पहुंचा पा रहा है। इसके अलावा बीमारी से भयभीत लोग इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी डर का फायदा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव उठा रहे हैं। इस बारे में डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान राजीव खुराना का कहना है कि एमआरपी से ज्यादा कीमत पर वैक्सीन कोई बेचता है तो वह गलत है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि हमारे संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है कि कोई मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव वैक्सीन की ब्लैक मार्केटिंग कर रहा है। उधर, स्टेट आईडीएसपी के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी ऑफिस में स्वाइन फ्लू मामलों को लेकर एक बैठक की। इसमें आईएमए के जिला प्रधान डॉ. जेपीएस नलवा भी मौजूद थे। इस दौरान यह बात सामने आई कि हिसार सिविल अस्पताल रेफरल सेंटर हैं, जहां आसपास जिलों के स्वाइन फ्लू संदिग्ध मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसलिए रोगियों की संख्या के साथ सैंपल्स का आंकड़ा बढ़ गया है। प्रमुख निजी अस्पतालों में 8 से 9 मरीज इलाज करवा रहे हैं। ऐसे में आमजन को अवेयर करने के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है। स्कूल हेल्थ टीमों के साथ फील्ड वर्कर्स को बीमारी की रोकथाम, बचाव एवं लक्षण से अवगत करवाने के दिशा-निर्देश दिए हैं।