नई दिल्ली। पुलिस ने ट्रामाडोल दवा की तस्करी के आरोप में तीन लोगों को दबोचा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा इस दवा की खरीद बिक्री को लेकर अधिसूचना जारी करने के बाद देश में पहली बार दिल्ली में इस दवा की बड़ी खेप पकड़ी गई है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजीव रंजन के मुताबिक पकड़े गए तस्करों के नाम बबलू कुमार नागर, श्रीचंद व राकेश मिश्र है। बबलू उत्तर प्रदेश के हाथरस का रहने वाला है। वह कई सालों से जवाहर नगर में रह रहा था। 2016 में उसने दिल्ली में एक दवाई की दुकान में हेल्पर की नौकरी पकड़ी। उसके बाद दवा के अवैध कारोबार करने वाले मारवाह के संपर्क में आकर उसने अवैध धंधा करना शुरू कर दिया। श्रीचंद मूलरूप से फरीदाबाद का रहने वाला है, लेकिन वर्षो पूर्व दिल्ली के सोनिया विहार में आकर रहने लगा। 2015 में उसने पहले पहाडग़ंज में एक कोरियर कंपनी में नौकरी शुरू की। उसके बाद भागीरथ प्लेस मार्केट में खुद की कोरियर कंपनी खोल ली।

बबलू के संपर्क में आकर उसने कोरियर के जरिये देश भर में ट्रामाडोल टेबलेट को अवैध रूप से आपूर्ति करने का काम शुरू कर दिया। राकेश मिश्र उत्तर प्रदेश के गोंडा का रहने वाला है, लेकिन वर्षो से वह दिल्ली के शास्त्री पार्क में रहता है। पहले उसने भागीरथ पैलेस मार्केट में विभिन्न दवा दुकानों पर हेल्पर की नौकरी की। बबलू से परिचय होने पर उसने भी यह काम शुरू कर दिया। डीसीपी डॉ.राम गोपाल नायक के मुताबिक, तस्करों के पास से 37.50 लाख रुपये मूल्य के 37,500 टेबलेट बरामद किए गए।

साथ ही अपराध में इस्तेमाल तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। डीसीपी के मुताबिक, ट्रामाडोल को फाइटर ड्रग के रूप में भी जाना जाता है। कई देशों में आतंकवादियों द्वारा इसका इस्तेमाल करने पर इंटरनेशल एंटी नारकोटिक्स अथॉरिटी ने इस दवा को ड्रग्स की श्रेणी में रखते हुए इसकी खरीद व बिक्री को लेकर स त नियम बना दिया है। यह दवा बिना डॉक्टरों की पर्ची के नहीं दी जा सकती है। इंटरनेशल एंटी नारकोटिक्स आथॉरिटी द्वारा स ती करने पर एनसीबी ने सरकार को पत्र लिखकर उसकी खरीद-बिक्री को लेकर स त नियम बनाने की सिफारिश की थी।