मेदिनीनगर (झारखंड)। पलामू केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने खुदरा दवा विक्रेताओं के यहां कार्यरत फार्मासिस्ट के नवीनीकरण पर रोक लगाने के झारखंड फॉर्मेसी काउंसिल के प्रस्ताव की निंदा की है। इस बारे में आयोजित एसोसिएशन कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि फार्मासिस्ट के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की साजिश करना अनुचित ही नहीं, गैरकानूनी भी है। बैठक की अध्यक्षता भरत प्रसाद जायसवाल ने की। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के महासचिव अमर कुमार सिन्हा उपस्थित रहे। बैठक का संचालन झारखंड केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के जोनल उपाध्यक्ष सह पलामू केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के जिला सचिव धर्मेंद्र उपाध्याय ने किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिन फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन बिहार फार्मेसी काउंसिल ने वर्ष 1989 से पहले किया गया था, वह वैध है। इस पर झारखंड फार्मेसी काउंसिल एवं झारखंड के औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा जो खेल खेला जा रहा है, वह अत्यंत ही निंदनीय है। बैठक में इसके विरोध में दवा व्यवसायियों ने सर्वसम्मति से देशभर में 28 सितम्बर को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला लिया।
पलामू केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने आग्रह किया है कि झारखंड राज्य के दवा विक्रेताओं के व्यापार की सुरक्षा दी जाए एवं उत्पन्न परिस्थितियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सुलभ कानून बनाकर उनकी आजीविका बचाई जाए। संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करते हुए बैठक में उपस्थित सदस्यों ने मांग की कि जो लोग फर्जी संगठन बनाकर जिला संगठन को बदनाम करने के लिए साजिश रचने का काम रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाए और दवा विक्रेताओं को गुमराह होने से रोका जाए।
एसोसिएशन ने प्रदेश संगठन से भी इस बिंदु पर आग्रह किया है कि ऐसे लोगों पर अविलंब कार्रवाई करते हुए संगठन के मान-सम्मान की रक्षा करेें और उन पर उचित कार्रवाई करें। बैठक के मुख्य वक्ता के रूप में अमर कुमार सिन्हा,भरत जायसवाल, धर्मेंद्र उपाध्याय, असगर हुसैन, नरेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार, जितेन्द्र कुमार, किशोर, संदीप ने भी अपने विचार रखे।