नई दिल्ली। दवा बाजार लगभग तीन साल तक कमजोर प्रदर्शन के बाद मजबूत मूल्य निर्धारण, बेहतर घरेलू वृद्घि और अच्छे मूल्यांकन की मदद से नए साल में वापसी कर सकता है। 2018 में 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज कर चुके बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक ने कैलेंडर वर्ष 2015 में 15 फीसदी के साथ निवेशकों के लिए सकारात्मक प्रतिफल दर्ज किया था। पिछले साल कमजोर प्रतिफल कम शुद्घ लाभ की वजह से दर्ज किया गया। अमेरिका में बड़े आकार की पेशकशों के साथ साथ जेनेरिक दवा निर्माताओं के प्रमुख व्यवसाय में कीमत कटौती की वजह से भी मुनाफे पर दबाव देखा गया।
हालांकि रुपए में गिरावट से कुछ हद तक कमजोरी दूर करने में मदद मिली, लेकिन ड्रग इंटरमीडिएट्स के आयात और मूल्य निर्धारण दबाव से कुल प्रदर्शन प्रभावित हुआ। शेयरों के लिए अल्पावधि कारक दुनिया की सबसे बड़ी जेनेरिक निर्माता तेवा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया है। कंपनी ने कहा कि आक्रामक मूल्य निर्धारण के संदर्भ में इस क्षेत्र के लिए समस्या समाप्त हो गई है। मूल्य स्थिरता पर दवा निर्माता के बयान से फार्मा सूचकांक की कीमतों में तेजी को बढ़ावा मिला है। जहां प्रमुख सूचकांक सपाट हैं, वहीं फार्मा सूचकांक पिछले सप्ताह के दौरान लगभग 2 प्रतिशत मजबूत हुआ। एक घरेलू ब्रोकरेज के विश्लेषक ने संकेत दिया है कि हाल के महीनों में अमेरिकी बाजार में मूल्य निर्धारण में तेजी आई है और पिछले कुछ वर्षों में मूल्य निर्धारण में दो अंक की गिरावट भी कमजोर पड़ी है।
 आईडीएफसी सिक्योरिटीज के नितिन अग्रवाल और सुमित सिंघानिया ने एक ताजा रिपोर्ट में भरोसा जताया है कि 2019 में ज्यादातर कंपनियों के व्यावसायिक परिदृश्य में सुधार की रफ्तार को अमेरिका में कीमत कटौती के सामान्य होने और नई उत्पाद पेशकशों में संभावित तेजी से मदद मिलेगी। बड़ी भारतीय जेनेरिक कंपनियां अपने राजस्व का 30 से 50 प्रतिशत के बीच राजस्व अमेरिकी बाजार से हासिल करती हैं और मूल्य निर्धारण और बिक्री में तेजी का असर उनकी राजस्व वृद्घि पर दिखेगा।
 कंपनियों को अपने सभी शोध कार्यक्रमों में लागत नियंत्रण उपायों पर अमल करने और बिक्री/सामान्य प्रशासनिक खर्च घटाने से मदद मिलेगी। विश्लेषकों को वित्त वर्ष 2015-18 के दौरान कई कंपनियों के लिए धीमी वृद्घि की तुलना में वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान शुद्घ लाभ में अच्छी वृद्घि की उम्मीद है। घरेलू सेगमेंट ने हाल की तिमाहियों में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है और विश्लेषकों को दिसंबर तिमाही में 11 प्रतिशत की मजबूत वृद्घि की उम्मीद है। वॉकहार्ट के फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग पर प्रतिबंध हटाने के लिए अदालत द्वारा ताजा निर्णय के साथ साथ पेटेंट प्राप्त दवाओं के लिए पांच वर्ष की सुरक्षा घरेलू बाजार के लिए सकारात्मक बदलाव हैं। दवा शेयरों के लिए अल्पावधि कारक तीसरी तिमाही का परिणाम होगा। विश्लेषकों का मानना है कि कमजोर रुपए, जेनेरिक कीमत में कम कटौती और लागत नियंत्रण से कंपनियों को तिमाही में अपना सालाना प्रदर्शन सुधारने में मदद मिलेगी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अमेय चालके और ईशान देसाई कहते हैं कि अमेरिकी व्यवसाय में सकारात्मक तिमाही वृद्घि वाली यह लगातार दूसरी तिमाही होगी, क्योंकि व्यवसाय को मूल्य निर्धारण दबाव घटने, कई अमेरिकी कंपनियों के जिंस उत्पादों से बाहर होने और फ्लू सीजन की गंभीरता आदि की वजह से मदद मिलेगी। आय वृद्घि में सुधार को देखते हुए विश्लेषकों को मूल्यांकन आकर्षक होने का अनुमान है जो मौजूदा समय में वित्त वर्ष 2020 के अनुमानों के 20-27 गुना पर है। जहां कई विश्लेषक बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों को पसंद कर रहे हैं, जो 2018 में बड़े प्रतिफल के साथ दवा क्षेत्र में खास रही हैं, वहीं भारतीय कंपनियों में अरबिंदो फार्मा और बायोकॉन प्रमुख पसंदीदा शेयर हैं।