छह मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों को जमा कराना होगा शुल्क


पटना (बिहार)। सरकारी दवा खरीद में भारी गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। राज्य के छह मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में दवा मंगवाई गई थी। दवा सप्लायरों को जांच शुल्क कटौती किए बिना एक करोड़ 46 लाख रुपए अधिक का भुगतान कर दिया गया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इसका पता चलने पर आपत्ति जताते हुए सभी छह अस्पतालों के अधीक्षकों को उक्त राशि जमा कराने के निर्देश दिए है।
ज्ञातव्य है कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने 31 मार्च, 2014 की अवधि के लिए बिहार के 38 जिलों में दवाओं की सप्लाई के लिए विभिन्न कंपनियों से कांट्रेक्ट किया था। इसमें रेट के अनुसार बिल जांच शुल्क के रूप में कुल बिल की राशि में से दो प्रतिशत राशि (बिक्री कर को छोडक़र) कटौती की जानी थी। जांच में पता चला कि यह कटौती की ही नहीं गई। कुल एक करोड़ 46 लाख की यह राशि दवा सप्लायरों के हिस्से चली गई।  इस संबंध में जब स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा तो बताया गया कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों को सभी संबंधित सप्लायरों से दो प्रतिशत जांच शुल्क वसूलने और संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।
ये अस्पताल हैं शामिल
दवा खरीद मामले में राज्य के छह मेडिकल कॉलेज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल मुजफ्फरपुर, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल दरभंगा, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर के नाम शामिल हैं।