नई दिल्ली। बड़ी ब्रांडेड दवा कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए सरकार सौ से ज्यादा ब्रांडेड दवाओं पर रोक लगाने जा रही है। आज होने वाली ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) की बैठक में यह फैसला लिए जाने की उम्मीद है।
बता दें कि भारत में बड़ी ब्रांडेड कंपनियां आवश्यक स्वीकृति के बिना ही फिक्स डोज कांबिनेशन (एफडीसी) की दवाएं बना और बेच रही हैं। इसका सीधा असर पड़ रहा है मरीजों पर। एफडीसी के कारण मरीजों को गैर जरूरी दवाएं भी खानी पड़ रही हैं। सरकार दवा कंपनियों की कार्यशैली में सुधार के लिए कुछ और जरूरी कदम उठाने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत 100 अन्य दवाओं के लिए भी दवा निर्माता कंपनियों को और ज्यादा शोध करने और आंकड़े जुटाने के लिए कहा जा सकता है। ताकि इन दवाओं की गुणवत्ता और जरूरत के अनुसार सरकार इससे जुड़े फैसले कर सके। केंद्र सरकार के पास आई शिकायतों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाओं की गुणवत्ता और उपयोगिता की जांच-पड़ताल का जिम्मा सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को दिया था। चीन सहित कुछ अन्य देशों से दवा बनाने के लिए भारत आने वाले कच्चे माल में गड़बड़ी की शिकायत मिली थीं। इसके बाद भारत सरकार अब कच्चा माल भेजने वाली दवा कंपनियों को क्यूआर कोड देगी। इससे जुड़े सभी जानकारियां कस्टम के पास मौजूद रहेगी। इस फैसले के बाद कौन सा कच्चा माल किस देश से आया है और भारत में कहां गया है और किस कंपनी ने इस कच्चे माल से दवा बनाई है, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।