सोलन (ह.प्र.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिरदर्द, खांसी, बुखार, पेट में संक्रमण, एंटी एर्जीक व घुटनों के दर्द में काम आने वाली पांच दवाओं के साइड इफैक्ट मिलने पर इनके उत्पादन और बिक्री पर बैन लगा दिया है। इन दवाओं का उत्पादन कॉम्बिनेशन में किया जा रहा था। बताया गया है कि बुखार, खांसी व बुखार में इस्तेमाल होने वाली फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन निमेसुलाइड प्लस लेवोस्ट्रिाजिन, पेट के संक्रमण में इस्तेमाल होने ऑफ्लोक्सासिन प्लस ओरनिडाजोल के कॉबिनेशन का इंजेक्शन, खांसी में इस्तेमाल होने वाली दवा जीमिफ्लोक्सासिन प्लस एम्ब्रोक्सोल के कॉम्बिनेशन और एंटी एलर्जी के लिए खाई जाने वाली ग्लोकोस्माइन प्लस इब्यूप्रोफीन के कॉम्बिनेशन पर रोक लग गई है। इनके अलावा, घुटनों के दर्द के लिए इटोडोलेक व पैरासिटामोल के कॉम्बिनेशन से बनाई जाने वाली दवा पर भी बैन लगा है। इसका असर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन., कालाअम्ब, पांवटा साहिब व प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत कई फार्मा उद्योगों पर पड़ेगा। बता दें कि देश में सबसे पहले प्रतिबंध 23 जुलाई, 1983 को एमिडापाइरिन पर लगा था, तब से लेकर अब तक करीब 34 वर्षों में देश में प्रतिबन्धित दवाओं की कुल संख्या 444 हो गई है।